अमरावती

1698 बच्चों में से 400 में पायी गई एंटीबॉडी

जिले के सरकारी तथा निजी अस्पतालों के जरिए एकत्रित किए गए थे सैंपल

  • 25 फीसदी से अधिक बच्चों में संक्रमण से लड़ने की क्षमता

  • दूसरी लहर में 70 हजार संक्रमितों में था 60 बच्चों का समावेश

अमरावती/दि.8 – जिस वक्त कोरोना संक्रमण अमरावती जिले में कहर ढा रहा था. ऐसे समय प्रशासन भविष्य की योजनाओं पर भी काम कर रहा था. जिला प्रशासन ने कोरोना संबंधित उपाय योजना को पुख्ता करने तथा नागरिकों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सरकारी तथा निजी अस्पतालों के माध्यम से 1698 बच्चों के रक्त के नमूनों की जांच की. हैरानी की बात यह है कि, इसमें से 400 बच्चों के नमूनों में एंटीबॉडी पाई गई. इससे स्पष्ट होता है कि वायरस ने बच्चों को भी अपनी चपेट में लिया था लेकिन उन पर उसका असर देखने को नहीं मिला. इसका प्रमाण 25 फीसदी से भी अधिक है.
बता दें कि, दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के करीब 70 हजार मामले अब तक सामने आ चुके है. इसमें से केवल 60 बच्चों को ही कोरोनाग्रस्त पाया गया था. ऐसे में इतनी अधिक संख्या में बच्चों में एंटीबॉडी का तैयार होना काफी सुखद जानकारी है. जांचे गए नमूनों की तुलना में करीब 25 प्रतिशत बच्चों का शरीर कोरोना से लडने में सक्षम पाया गया है. शरीर में एंटीबॉडी मौजूद होने की बात सामने आने से यह तर्क भी जोर पकड रहा है कि, बहुद से लोगों को अनजाने में ही कोरोना हो चुका है. लक्षण काफी कम होने के कारण उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई. इसी के चलते अनजाने में संक्रमित हुए लोगों में अब एंटीबॉडी की मौजूदगी देखी जा रही है.

अधिकांश परिवारों में था संक्रमण

जिन बच्चों के ब्लड सैंपल में एंटीबॉडी पाई गई है. वह भले ही कोरोनाग्रस्त न पाए गए हों, लेकिन उनमें से अधिकतर बच्चों के परिवारों मेें कोरोना के मामले पाए गए थे. ऐसे में यह दावा नहीं किया जा सकता है कि, जिले के 25 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी मौजूद है.
– दिलीप रनमले, जिला स्वास्थ्य अधिकारी

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