अमरावती प्रतिनिधि/दि. ४ – जिले में लागू किये गए लॉकडाउन की वजह से लोगों का रोजगार समाप्त हो गया. ऐसे में वापसी की बेमौसम बारिश ने किसानों को भी बर्बाद कर डाला. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार प्रधान्य व किसान राशन कार्ड धारकों को दीपावली में शक्कर न देते हुए केवल अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को प्रति कार्ड १ किलो शक्कर देकर मजाक उडा रही है. कोरोना महामारी का प्रादुर्भाव न बढने पाये इसके लिए राज्य में २२ मार्च से लॉकडाउन घोषित किया गया था. इसी कारण सभी कामकाज ठप्प हो गए थे. जो लोग दूसरे शहर में रहते थे वे नौकरी छोडकर अपने गांव लौट गए. बीते पांच माह से घर में ही हाथ पर हाथ धरे बैठे है. जिले के सैंकडों लोगों की नौकरी गई, छोटे व्यापारियों के व्यवसाय डुब गए, इसके कारण सभी नागरिक परेशान हो गए है. इसके साथ ही इस बार वापसी की बारिश ने कहर बरपाया. जिससे किसानों के हाथ में आयी फसल चली गई. ऐन दीपावली के मुहाने पर किसानों के पास रुपए नहीं.
घर में फसल भी नहीं, जिसके कारण दीपावली कैसे मनाये, यह समस्या निर्माण हुई, लॉकडाउन की वजह से राज्य सरकार ने मार्च से नवंबर माह तक अंत्योदय व प्राधान्य समूह के राशन कार्ड धारकों को हर माह ३ किलो गेहूं, २ किलो चावल ऐसे ५ किलो अनाज मुफ्त में देने की घोषणा की थी. परंतु नवंबर माह में दीपावली होने के कारण गरीब राशनकार्ड धारकों को शक्कर मिलने की अपेक्षा थी. मगर इस बार शासन ने केवल अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को प्रति कार्ड केवल १ किलो शक्कर देने का निर्णय लिया. किसान व प्राधान्य समूह के राशन कार्ड धारकों को दीपावली में शक्कर से वंचित रखा हेै. जिले के अंंत्योदय कार्ड धारकों को गरीब कल्याण योजना अंतर्गत दीपावली में प्रति कार्ड केवल १ किलो शक्कर दी जाएगी. १ किलो शक्कर में दीपावली कैसे मनाए, यह समस्या गरीबों के सामने निर्माण हुई है. हर परिवार में तीन से चार सदस्य होते है और दीपावली में हर घर में मीठे पकवान बनाने की परंपरा है, इसके काण १ किलो शक्कर में दीपावली मिठी होगी क्या ? ऐसा प्रश्न निर्माण हो रहा है.
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राशन कार्ड धारकों की संख्या
अंत्योदय : १ लाख २३ हजार ४८३
किसान : ६ लाख ६६ हजार ७१८
प्राधान्य : १४ लाख ९ हजार ६९९