अपने भाईयों की तरह डॉक्टर बनना चाहती है श्रृति राठी
कक्षा 12 वीं में हासिल किये 94.83 फीसद अंक
धामणगांव रेल्वे/दि.9- स्थानीय सर्वोदय कालोनी में 16 सदस्यों का समावेश रहनेवाले संयुक्त परिवार से वास्ता रखनेवाली श्रृति राठी ने कक्षा 12 वीं की परीक्षा में 94.83 फीसद अंक हासिल किये है और वह अपने बडे भाईयों की तरह आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती है.
श्रृति राठी के पिता दीपक राठी धामणगांव शहर में कंप्युटर इन्स्टिटयूट चलाते है और उसकी मां विद्या राठी गृहिणी है. श्रृति के दादा उत्तमचंद राठी ने अपने चारों बच्चों प्रदीप, पवन, गिरीश व दीपक राठी को विरासत में अध्यात्मिक संस्कारों के साथ-साथ शैक्षणिक महत्व का ज्ञान भी दिया था और आज इन चारों के परिवार के बच्चे भी इन्हीं संस्कारों को लेकर आगे बढ रहे है. राठी परिवार के चार बच्चे इस समय वैद्यकीय शिक्षा हासिल करने के मार्ग पर है. वहीं अब इस परिवार के श्रृति राठी ने भी कक्षा 12 वी की परीक्षा में शानदार उपलब्धि हासिल की है, जो अब अपने भाईयो की तरह डॉक्टर बनना चाहती है.
* मोक्षा वसाणी बनेगी अपने पिता का आधार
– 94 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण की कक्षा 12 वीं की परीक्षा
अक्सर लोगबाग अपने बुढापे के सहारे या परिवार के उत्तराधिकारी के लिए बेटे की चाहत रखते है. हालांकि इन दिनों धीरे-धीरे यह सोच बदल रही है. इसी बदलती सोच के तहत शहर के प्रतिष्ठित नागरिक शैलेश वसाणी ने अपनी इकलौती बेटी मोक्षा वसाणी को पढा-लिखाकर काबिल बनाने का विचार किया और मोक्षा वसाणी ने भी अपने माता-पिता के विश्वास की कसौटी पर खरा उतरते हुए 94 फीसद अंकों के साथ कक्षा 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. मोक्षा के पिता शैलेश वसाणी मार्केट में खरीदी का काम करते है. साथ ही मां दक्षा वसाणी टेलरींग का काम करते हुए अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में हाथ बटाती है. ऐसे में मोक्षा वसाणी भी पढ-लिखकर अपने पिता का मजबूत सहारा बनना चाहती है. उल्लेखनीय है कि, चित्रकला में अच्छी-खासी रूची रखनेवाली मोक्षा वसाणी अपनी पढाई-लिखाई करने के साथ-साथ गरमी की छुट्टियों में छोटे बच्चों की पेन्टिंग क्लास भी लिया करती थी और वह भविष्य में अपने माता-पिता का नाम उंचा करने हेतु कुछ अच्छा करना चाहती है.