* विश्व बैंक की योजना से आएगा नया यंत्र
अमरावती/दि.21– तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के बाद जिले में भी भूकंप दर्ज करने का मुद्दा चर्चित हुआ. पता लगाने पर ज्ञात हुआ कि, अप्पर वर्धा जैसे बडे बांध क्षेत्र में लगाया गया सिस्मोग्राफ यंत्र गत 2 वर्षो से बंद पडा है. जिससे भूकंप होने पर अन्य जिलों से उसकी तीव्रता की जांच पर निर्भर रहना पडेगा. मेलघाट में कुछ समय पहले भूकंप के हल्के झटके अनुभव किए गए थे. हालांकि अमरावती जिले को भूकंप के हिसाब से खतरे की आशंका से दूर माना जाता है. फिर भी अमरावती जोन 2 में शामिल है.
ऐसे जिले में भूकंप की आशंका कम रहती है. बहरहाल जिले में भूगर्भ की हलचले दर्ज करने सिस्मोग्राफ मशीन रहती है. तिवसा तहसील अंतर्गत शेंदोला धसकट में जमीन के अंदर हलचल और आवाज सुना गया था. विशेषज्ञों ने गहन निरीक्षण कर चुने के पत्थरों के कारण हलचल और आवाज रहने का खुलासा किया था. धारणी तहसील में भी ऐसा ही कुछ हुआ था.
* अमरावती सुरक्षित
अमरावती जिला सेफ जोन में है. जिले में भूकंप आने की बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है. बेसाल्ट की चट्टानों पर बसा होने से जिला सेफ जोन में है. कुछ समय धक्के महसूस किए गए मगर वे भूचाल न होकर भूगर्भ की हलचले थी.
* विश्व बैंक फंड से नई मशीन
विभाग अभियंता गजानन साने ने मान्य किया कि अप्पर वर्धा का भूकंप मापक यंत्र गत 2 वर्षो से बंद पडा है. यह प्रमुख बांध क्षेत्र है. इसलिए विश्व बैंक की योजना अंतर्गत नई सिस्मोग्राफ मशीन खरीदने का प्रस्ताव रखा गया है.
* कौन से घरों को खतरा
मिट्टी के बांधकाम वाले पुराने घरों को भूगर्भ की हलचलों से धक्के लगते है. जिससे दरारे होकर घर को खतरा होने की आशंका अधिक रहती है. जर्जर हो चले मकानों को भी यही डर है.
* भूकंपरोधी निर्माण
इन दिनों निर्माण कार्य आरसीसी में होते है. भूकंपरोधी यह प्रणाली अधिक पसंद की जाती है. आरसीसी ने भूकंप का निर्माण पर कम से कम असर होता है. ऐसे ही निर्माण के समय कांक्रीट की गुणवत्ता देखी जाती है.