प्रदेश की कौशल्य जनगणना करने की अपील
डॉ. संजय खडक्कार की सीएम को चिट्ठी
* बताया 2047 तक विकसित भारत स्वप्नपूर्ति हेतु आवश्यक
अमरावती/दि.10 – अकोला के प्रसिद्ध डॉ. संजय खडक्कार ने नये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखकर महाराष्ट्र की कौशल्य जनगणना की मांग की है. उन्होंने इसे देश के चहुंमुखी विकास से जोडा हुआ बताया. यह भी दावा किया कि, भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना है, तो कौशल्य जनगणना आवश्यक है. जिससे पता चलता है कि, हमारे यहां कितने निष्णांत लोग है और उनकी कार्यक्षमता मेंं क्या बढोत्तरी हो सकती है. कौशल्य विकास से दिये गये लक्ष्य विकासित करना रोजगार क्षमता और कामगार उत्पादकता बढाने में निश्चित ही बडा लाभ होता है.
विदर्भ विकास बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य रहे डॉ. संजय खडक्कार अपने आंकडों के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध है. उन्होंने युवा मुख्यमंत्री फडणवीस को लिखे पत्र में यह भी कहा कि, सिंगापुर, कनाडा, ऑस्टेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों में कौशल्य मूल्यांकन सफल रहा है. भारत में भी इस वर्ष आंध्र सरकार कौशल्य जनगणना कर रही है. यह देश की पहली कौशल्य जनगणना होने का उल्लेख कर डॉ. संजय खडक्कार ने कहा कि, इसका उद्देश्य मार्केट की आवश्यकता और उपलब्ध कौशल्य मूल्यांकन में तालमेल रखना है.
डॉ. संजय खडक्कार ने बताया कि, 15 से 59 वर्ष आयु सीमा की कार्यशील जनसंख्या में कौशल्य गिनती आंध्र में होने जा रही है. जिससे नौकरियों के माध्यम से अनौपचारिक रुप से कोई कला या गुण सीखने वालों की भी कौशल्य गणना होगी. यह गणना सभी प्रमुख उद्योग और एमएसएमई को डाटा उपलब्ध कराएगी. प्रभावी डाटा बेस तैयार होगा. जिससे सरकार मार्केट की मांग के अनुसार लोगों में कौशल्य बढाने के प्रयास शुरु कर सकती है. बेरोजगारी की समस्या का निराकरण तो होगी ही. मानव संसाधनों का एक महत्वपूर्ण और मजबूत पुल तैयार होगा. उद्योगों की विकसित आवश्यकताओं को पूर्ण करने एवं अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने में इसका योगदान मिलेगा. सरकार को यह जानकारी भी रहेगी कि, कहा और कितनी निवेश होगा. जिससे उस क्षेत्र विशेष पर ध्यान केंद्रीत होगा.
डॉ. संजय खडक्कार ने कहा कि, भारत को युवा देश कहा जाता है. क्योंकि यहां 50 प्रतिशत जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है. 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है. फिर भी जनसंख्या का लाभांश देने में हम कमजोर पड रहे है. देश के विकास में सबसे बडी बाधा युवक पात्र रहने पर भी रोजगारक्षम नहीं है. बडी संख्या में युवा रहने पर भी उनके हाथों को उनकी योग्यता के अनुसार काम नहीं मिल रहा है. जिससे नौकरी खोजने वाले युवाओं को कौशल्य गुणवत्ता पर प्रश्न उपस्थित हो रहा है. दिनोंदिन बेरोजगारी का प्रमाण बढ रहा है. डॉ. संजय खडक्कार ने कहा कि, कौशल्य जनगणना करने से अनेक प्रकार की समस्याओं का स्थायी हल मिलेगा. अत: उन्होंने लंबी चिट्ठी में मुख्यमंत्री फडणवीस से महाराष्ट्र की कौशल्य जनगणना करने का अनुरोध किया.