* ज्ञापन सौंपकर दी तीव्र आंदोलन की चेतावनी
अमरावती/दि.6-अमरावती विभाग अंतर्गत आने वाले अमरावती, अकोला, वाशिम, बुलढाणा और यवतमाल जिला परिषद अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों की अनेक प्रलंबित समस्या बाबत प्रहार शिक्षक संगठना काफी आक्रमक हुई है. हाल ही में संगठना के राज्याध्यक्ष महेश ठाकरे के नेतृत्व में पांचों जिले के जिलाध्यक्ष, पदाधिकारी समेत शिक्षकों ने विभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचकर विभागीय आयुक्त निधि पांडेय को ज्ञापन सौंपकर समस्या का निवारण न होने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी.
अमरावती विभाग के अमरावती समेत पांचों जिले की जिला परिषद अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों की पिछले कुछ साल से प्रलंबित समस्या बाबत प्रहार शिक्षक संगठना अब काफी आक्रमक हुई है. संगठना के विभाग के सभी जिलाध्यक्ष,पदाधिकारी व सभासद शिक्षक बड़ी संख्या में विभागीय आयुक्तालय पहुंचे. संगठना के राज्याध्यक्ष महेश ठाकरे के नेतृत्व में शिक्षकों की प्रलंबित समस्या बाबत विभागीय आयुक्त डॉ. निधि पांडेय के कक्ष में चर्चा कर ज्ञापन सौंपा गया. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए विभागीय आयुक्त ने संबंधित जिला परिषद के सीईओ व कार्यालय प्रमुखों को जल्द समस्या का निवारण करने के निर्देश देने का आश्वासन संगठना को दिया है. अब संगठना की जल्द ही विभागीय बैठक आयोजित की जाने वाली है. ज्ञापन में अमरावती जिला परिषद शिक्षण विभाग की समस्या अधिक दिखाई दी. इसमें शिक्षकों के वेतन में विलंब यह प्रमुख समस्या सहित अंतरजिला तबादला शिक्षकों का बकाया वेतन, प्रोत्साहन भत्ता तथा अतिरिक्त घर किराया भत्ता लागू कर अंतर की रकम देने समेत कुल 11 प्रलंबित समस्या बाबत विभागीय आयुक्त का ध्यान केंद्रित किया गया. अनेक विषय बाबत जिला परिषद, शिक्षण विभाग की लापरवाही इस अवसर पर हुई चर्चा में उजागर हुई है. ज्ञापन सौंपने वालों में अमरावती के जिलाध्यक्ष शरद काले, अकोला के मंगेश टिकार, बुलढाणा के महेंद्र रोठे, सचिव अमोल वर्हेकर, जिला कार्याध्यक्ष नागसेन रामटेके, जिला संगठक विवेक इंगले, प्रसिद्धी प्रमुख नीलेश रसे, जिला सहसचिव अनूप डिके, पंकज ठाकुर, सारंग धामणकर, शेगांव तहसील अध्यक्ष सुनील घावट, अचलपुर तहसील अध्यक्ष रमेश कडू, धामणगांव अध्यक्ष किरण वानखडे, अमोल हिरुलकर, तुकाराम सांगले आदि जिला व तहसील पदाधिकारी समेत नीलेश हाडोले, राहुल बिंड, हरीश राणे, भारत रामटेके, शुभांगी खोलापुरे आदि शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
समस्या हल न होने पर तीव्र आंदोलन
शासन की धोरणात्मक बातों से संबंधित शिक्षकों की समस्या है. इस पर अमल जिला परिषद के शिक्षण विभाग की तरफ से नहीं हो रहा है. जबकि अन्य विषय अलग ही है. शासनादेश रहने के बावजूद प्रत्येक विषय के लिए शासन स्तर से मार्गदर्शन मंगवाया जाता है. यह शोकांतिका है. प्रलंबित समस्या हल न होने पर विभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने संगठना की तरफ से तीव्र आंदोलन किया जाएगा.
-महेश ठाकरे, राज्याध्यक्ष, प्रहार शिक्षक संगठना