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भरपूर संतरा निर्यात के लिए शासन से गुहार

बांगलादेश ने बढा दिया आयात शुल्क

* जिले के उत्पादक परेशान, कैसे मिलेंगे अच्छे दाम
अमरावती/दि.17- नागपुरी संतरा के रुप में प्रसिध्द वरूड मोर्शी बेल्ट के उत्पादक आयात शुल्क बढाए जाने के कारण पशोपेश में है. उन्हें संतरे के अच्छे दाम कैसे मिलेगे, यह विचार वे कर रहे हैं. सरकार से गुहार लगा रहे है कि पडोसी बांगलादेश से इस बारे में बात करें. जिससे यहां के किसानों को संतरे के अच्छे दाम मिले और वे संतरे की खेती बाडी जारी रखे. अन्यथा कई किसान भाईयों ने संतरे के स्थान पर अन्य फलों की खेती शुरू कर दी है. आने वाले समय में कहीं लोग इस रसीले फल से महरुम न रह जाए.
क्या कहते हैं संतरा उत्पादक
संतरे की बागवानी वरूड, जरुड, मोर्शी क्षेत्र में अधिक है. हजारों हेक्टेयर में संतरे के बगीचे यहां हैं. उत्क्रांती एग्रो प्रोड्युसर कंपनी के सचिव डॉ. अशोक खोपे ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से उन्हें इस मसले के हल की आशा है. गडकरी अपनी कूटनीति से बांगलादेश से बातचीत कर समाधान निकाल सकते हैं.
जनप्रतिनिधि क्या कर रहे?
जरूड के संतरा उत्पादक योगेश देशमुख ने कहा कि चुनकर दिए गए जनप्रतिनिधि से जवाब तलब करने की बेला आयी है. वे इस मुद्दे पर खामोश है. किसानों को संगठित रुप से अपना विरोध दर्ज कराना होगा. संतरे का आयात शुल्क 23 टका से 44 टका और अब 101 टका प्रति किलो हो गया है. भारतीय मुद्रा में यह शुल्क 71 रुपए होता है. पिछले वर्ष सरकार ने 44 रुपए सब्सिडी दी थी. किंतु उत्पादकों का आरोप है कि इससे केवल व्यापारियों का भला हुआ.
अन्य बगीचे लगा रहे किसान
संतरे को दाम नहीं मिलपाने और उस पर इल्ली व रोगों के प्रकोप के कारण उसके बगीचे नष्ट कर किसान पपीता, केले के बगीचे डेवलप कर रहे है. जिससे संतरा नामशेष होने का डर पैदा हो गया है.

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