प्रतिनिधि/ दि.२२ अमरावती – ग्राम पंचायतों के चुनाव प्रलंबित रहने के चलते प्रशासन द्बारा गांव के ही किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को ग्रापं के प्रशासक के तौर पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में जिन ग्राम पंचायतो आरक्षण के अनुसार सरपंच नियुक्त थे वहा पर उसी आरक्षण के अनुसार संबंधित व्यक्ति को अथवा उस वर्गवारी के अन्य व्यक्तियों को प्रशासक के रुप में काम करने का मौका दिया जाना चाहिए. ऐसी बात जिप सदस्य प्रताप अभ्यंकर द्बारा की गई है. बता दें कि, जिले में ५२६ ग्राम पंचायतों का पंचवार्षिक कार्यकाल खत्म हो चुका है. ऐसे में इन ग्राम पंचायतों में आमसभा लिये जाने से जिसकी प्रक्रिया भी शुरु हो गई थी. qकतु इसी दौरान कोरोना के चलते चहु ओर लॉकडाउन व कफ्र्यू लागू हो जाने की वजह से निर्वाचन आयोग ने इस चुनाव को कुछ समय के लिए आगे टाल दिया. वहीं दुसरी ओर सरपंच व ग्रापं सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उनकी जिम्मेदारी किसी अन्य को नहीं सौंपी जा सकती थी. वहीं अब सरकार ने ग्रापं प्रशासक के तौर पर संबंधित गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के चलते विद्यमान सरकार में शामिल राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का ही सभी ग्राम पंचायतों पर बोलबाला रहेगा. जिसकी वजह से राजनीतिक मदभेद तेज होगे. ऐसा भी जिप सदस्य प्रताप अभ्यंकर का कहना रहा. जिप सदस्य अभ्यंकर के मुताबिक इन दिनों समाज के विभिन्न घटकों द्बारा प्रशासन को निवेदन दिये जा रहे है. साथ ही समाज के विभिन्न घटकों में प्रशासक पद को लेकर जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है. जिसके चलते गांव में सौंर्हाद का वातावरण बिगड रहा है.