अमरावती

खस्ताहाल विद्यालयों में नवीन कक्षाओं के निर्माण के लिए निधि मंजूर करें

विधायक देवेंद्र भुयार ने अधिवेशन में रखा मुद्दा

जिला परिषद विद्यालयों की हो रही उपेक्षा
मोर्शी / दि.२१-अमरावती जिले में सैकड़ों वर्ष पुराने जिला परिषद स्कूलों की संख्या अधिक है और इस जिला परिषद स्कूल में पढ़ने वाले छात्र डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, विधायक, सांसद और कई अन्य उच्च पदों पर कार्यरत है. विधायक देवेंद्र भुयार ने सरकार के संज्ञान में लाया कि जिला परिषद विद्यालयों के भवनों की भी हालत जर्जर है और स्थिति दयनीय है. खस्ताहाल स्कूलों की मरम्मत के लिए निधि उपलब्ध कराई जाए, तथा विद्यालयों में नई कक्षाओं के लिए निधि मंजूर करने की मांग विधायक देवेंद्र भुयार ने की है. सरकारें बदल जाती हैं लेकिन जिला परिषद के स्कूलों की समस्या जस की तस बनी रहती है।सरकारी स्तर पर दावा किया जाता है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की कायापलट कर दी गई है. लेकिन सरकार कितनी भी बदल ले, कई जगहों पर जिला परिषद के स्कूलों की दयनिय स्थिति है. अमरावती जिले में कई सरकार स्कूलें खतरनाक स्थिति में हैं. ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में आएं, इसके लिए शिक्षा विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है. हालांकि विधायक देवेंद्र भुयार ने सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की उपेक्षा के कारण छात्रों को शिक्षा के लिए खतरनाक स्कूलों में भेजना पड़ रहा है. टूटी दीवारों को ढंकने के नाम पर जिला परिषद विद्यालयों की रंगाई पुताई कर दिखावा किया जाता है. सरकार ने अमरावती जिले में नई कक्षाओं के निर्माण के लिए निधि मंजूर करके शिक्षा की वास्तविकता को बदल सकती है. अमरावती जिले में अधिकांश किसानों के बच्चे जिला परिषद के स्कूलों में पढ़ते हैं. वहां की सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. अमरावती जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण जिले के सैकड़ों स्कूल में कक्षाओं की हालत खस्ताहाल है. इसलिए इस स्कूल के छात्रों को अपनी जान हथेली पर रखकर पढ़ाई करनी पड़ती है. विधायक देवेंद्र भुयार ने सवाल उठाया है कि कुछ जिला परिषद स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है, शौचालय की व्यवस्था नहीं है, बिजली का कनेक्शन नहीं है और खस्ताहाल स्कूल की इमारत रहने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिलेगी.
छात्रों और शिक्षकों का जीवन दांव पर
जिले में खस्ताहाल स्कूल की इमारत को अविलंब ढहाना जरूरी है. तथा नई कक्षाओं के निर्माण के लिए विशेष मदद के रूप में राशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया जाना आवश्यक है. कक्षाओं की इमारतें, छतों में दरारें, हवा और बारिश के कारण इमारत ढहने का खतरा, मानसून के दौरान कक्षाओं में रिसाव होना आदि समस्या का सामना छात्रों तथा शिक्षकों को करना पड़ता है. कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षकों और पढ़ने वाले छात्रों का जीवन भी इस वजह से दाव पर लग गया है. खस्ताहाल कक्षाओं के कारण किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए सरकार को तत्काल उपाय करने चाहिए.
– देवेंद्र भुयार, विधायक

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