अमरावती

लोहा व सीमेंट कंपनियों की मनमानी से मुश्किले बढी

स्टील 40 से 50 फीसदी हुआ मंहगा

  • 25 से 30 फीसदी बढे सीमेंट के दाम

  • राज्य में निर्माण कार्य हुआ प्रभावित

अमरावती/दि.18 – राज्य में पेट्राल-डीजल के बाद अब बाजार में कंपनियों की मनमानी के कारण कुछ और वस्तुओं के दाम भी अचानक बढे है. इसका झटका बिल्डर्स, निर्माण क्षेत्र को हो रहा है. कई कंपनियों ने मकान निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील, लोहा व सीमेंट की कीमते अचानक 5 या 10 प्रतिशत नहीं बल्कि 25 से 50 प्रतिशत तक बढाई है. जिसके कारण राज्य में निर्माण कार्य प्रभावित हुए है.
अचानक दाम बढने से निर्माण का बजट भी बढने लगा है. कई सरकारी कार्यालयों में लोहे, सीमेंट, स्टील के दाम निर्धारित है. ऐसे में कंपनियों द्बारा बढाए गए दामों का अंतर कैसे खत्म किया जाए इसका नियोजन करने में बिल्डर्स व कॉन्टे्रक्टरों को मुश्किलों हो रही है. कंपनियां सांठ-गांठ से मुनाफा खोरी का प्रयास कर रही है. उनके अनैतिक व्यापार की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए हाल ही में बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आदेश सेे देश में आंदोलन किया गया.

सरकार ठोस कदम उठाए

लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य ठप्प हो गए थे. ऐसे में कंपनियो के पास मटेरियल का स्टॉक था. अनलॉक शुरु होते ही निर्माण कार्य में यही स्टॉक का इस्तेमाल हो रह है ऐसे में इन दिनों लोहा सीमेंट व स्टील के दाम बढाए जाने की आवश्यकता नहीं थी फिर भी कंपनियों ने मनमाने तरीके से रॉ मटेरियल की कीमतें बढाई है इससे मार्केट में लोडिंग बढता है. अनूचित मूल्य वृद्धी से हमारी लागत बढती जा रही है. सरकार को इस संबंध में ठोस कदम उठाने चाहिए अन्यथा कंपनियों की मनमानी बढती ही जाएगी.
– प्रदीप चढ्ढा,
पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय बिल्डर एसोसिएशन

मटेरियल के दाम बढने से कामों में दिक्कते आती है

लोहे,सीमेंट व स्टील जैसे रॉ मटेरियल के दाम सरकार द्बारा निर्धारित किए जाते है. सरकारी कॉन्ट्रेक्टरो को उसी के आधार पर टेंडर व स्टिमेट तैयार करना होता है. लेकिन अगर इसी प्रकार दाम बढते है तो कामों में दिक्कते आती है. जैसे सरकारी कार्यालय में मेटल 280 रुपए है लेकिन बजार में वही 320 में मिल रहा है. लोहा 46 हजार रुपए प्रतिटन है पर बाजार में 55 हजाररुपए प्रति टन मिल रहा है तो इस अंतर को कैसे भरेंगे. यह खर्च हमें शासन से नहीं मिलेगा तो यह बोझ किसे स्वाकारना चाहिए. अगर हम बोझ स्वीकारते है तो लागत बढेगी इससे सभी को नुकसान होगा.
-प्रकाश राउत,
अध्यक्ष जिला कॉन्ट्रेक्टर एसो.

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