अमरावतीविदर्भ

डेढ़ करोड़ की सड़क निर्माण में पुरातत्व की बाधा

(road construction) नगर रचना विभाग मानने तैयार नही

परकोटे से तीन सौ मीटर के कार्य लंबित

परतवाड़ा/अचलपुर-:  नगर रचना विभाग अमरावती द्वारा परोकोट से तीन सौ मीटर के भीतर सड़क निर्माण की वजह बताकर डेढ़ करोड़ रुपये के सड़क निर्माण कार्यो को अस्वीकृत करने की खबर मिली है । उल्लेखनीय है कि ये सभी प्रस्तवित काम दलित बस्ती विकास योजना अंतर्गत किये जाने थे । नगर रचना विभाग  ने सड़क निर्माण कार्य को नामंजूर करने के बाद इस क्षेत्र में नाली , सड़क और सौंदर्यीकरण के कार्यो को ब्रेक लग चुका है । शासन वंचितों के विकास के लाख दावे करे लेकिन अफसरशाही की अड़ंगेबाजी आज भी जंस की तस चल रही है ।नपा के पास दलित बस्ती विकास की निधि उपलब्ध होने के बावजूद सिर्फ मंजूरी न मिलने से परकोटे से लगे क्षेत्र का विकास अधर में पड़ा है ।
लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे नागरी बस्ती सुधार योजनांतर्गत अचलपुर शहर के प्रभाग क्रमांक 9, 10 और 11 में प्रस्तावित डेढ़ करोड़ रुपये के विकास कार्यो को नगर रचना विभाग ने अस्वीकार्य कर दिया ।नगर पालिका अचलपुर के निर्माण विभाग की ओर से करीब 300 प्रस्तावित कार्य नगर रचना की प् मंजूरी को भेजे गए थे । इसमें से कुछ गिनती के कामो को टाउन प्लानिंग ने स्वीकृति दी । प्रस्तावित सभी काम परकोटे से 300 मीटर के भीतर होने का कारण बताकर इन्हें रिजेक्ट किया गया । हकीकत में परकोटे के नियम इन कार्यो को लागू नहीं होते और नगर रचना विभाग सिर्फ मनमानी कर रहा, इस आशय का आरोप नगर सेवक अतुल सरोदे ने लगाया है । पार्षद सरोदे के अनुसार चलो मान ले कि नगर रचना विभाग परकोटे से 300 मीटर दूरी तक अनुमति नहीं दे सकता । लेकिन प्रस्तावित कामो में से 90 फीसदी कार्य यह परकोट से 300 मीटर से भी ज्यादा दूरी पर प्रस्तावित किये गये है । इन कामो में सड़क निर्माण का भी समावेश है । दुल्हागेट , खिड़की गेट , मालवेशपूरा , बेगमपुरा , हनुवतपुरा , सराय इन मोहल्लों के दलित बस्ती विकास कार्यो को रद्द कर दिया गया है ।
पालिका की ऐतिहासिक वास्तु और परकोट से 300 मीटर दूरी अंतर्गत कोई विकास कार्य करने के लिए नेशनल मोनुमेंट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया न्यू देहली  ( राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ) का ‘ ना आपत्ति प्रमाणपत्र ‘ आवश्यक होने की दलील नगर रचना विभाग की ओर से दी जा रही है । नवाबो के शहर अचलपुर के अनेक प्रभाग 150 बरसो से परकोटे के आजूबाजू ही बसे है ।अभी तक यहा नाम को भी कोई आवश्यक विकास कार्य नहीं किया गया । नागरिको के हित मे जरूरी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए । अब यहाँ प्रस्तावित विकास ही पुरातत्व के झमेले में अंतिम सांस ले रहा । इस संदर्भ में दिल्ली से अनुमति प्राप्त करना भी कोई सहज -सुलभ काम नही है ।

” नगर रचना विभाग द्वारा अस्वीकृत किये कामो को नये सिरे से मंजूर किया जाए । ताकि किसी तरह दलित बस्ती के काम पूरे किए जा सके । इस बारे में पालकमंत्री , जिलाधीश और राज्यमंत्री बच्चू कडू को निवेदन दिया है । विकास काम मे बाधा नही आनी चाहिए ।नियमो को शिथिल करना जरूरी है । ”

–  अतुल सरोदे, नगरसेवक
” शासन दलित बस्ती के सभी कार्यो को स्वीकृति प्रदान करे । काम अस्वीकृत होने के लिए पालिका सलाहकार समिति की तांत्रिक कार्यप्रणाली ही जवाबदार है ।नगर रचना विभाग योग्य दुरुस्ती के साथ कार्यो को मंजूरी प्रदान करे ।
– बंटी ककरानिया, नगर सेवक 

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