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तेल्हारा की अर्चना श्रीवास ने कहा वह भारी भूल मेरी

गलती से पत्र में लिख दिया था कि गर्भाशय निकाल दिया था

* निजी चैनल से बातचीत में खुलासा
* प्रदीप जी मिश्रा ने अमरावती की कथा में किया था उल्लेख
अमरावती/दि.23- हनुमानगढी में आयोजित पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा दौरान गर्भाशय निकाल देने पर भी महिला के गर्भवती होने और मां बनने के दावे से सर्वत्र खलबली मची थी. अब महिला अर्चना अशोक श्रीवास ने सामने आकर स्वीकार किया कि गर्भाशय निकाल लेने की बात कहने की बडी गलती उनकी है. उन्होंने भूलवश पत्र में ऐसा लिख दिया था. जिसका व्यासपीठ से परमपूज्य कथा प्रवक्ता ने उल्लेख किया था. मंच से ऐसा उल्लेख होने और इस दावे के बारे में सर्वत्र चर्चा शुरु हो गई थी. मेडिकल फैकल्टी ने पहले ही दिन इस बात को गलत बताया था, असंभव बताया था.
* मिश्रा जी ने पढा था पत्र
कथा के तीसरे दिन पंडित मिश्रा ने उनके पास आए अनेक भाविकों के अनुभव के पत्र पढे थे. उसी में तेल्हारा निवासी अर्चना श्रीवास का पत्र था. पंडित जी ने पत्र पढकर कथा में सुनाया. महादेव की कृपा से बिना गर्भाशय के संतान प्राप्ति का उल्लेख पत्र में किया गया था. पंडित जी ने अपनी रौ में इसे महादेव की कृपा और चमत्कार बताया था. पत्र के अनुसार विवाह के 15 वर्ष उपरांत भी अर्चना श्रीवास मातृ सुख नहीं प्राप्त कर सकी थी. फिर उन्होंने पंडितजी की कथा सुनी और शिवभक्ति आरंभ की. उन्होंने डॉक्टर्स से मशविरा किया. उनके गर्भाशय में डॉक्टर्स ने गांठ होने की बात बताई. पति अशोक श्रीवास से चर्चा कर गांठ निकालने का निर्णय किया. यह भी लिखा था कि गर्भाशय निकाल लिया गया. जिसे बच्चा होने की उम्मीद खत्म हो गई थी. गुरुदेव के आदेशानुसार विश्वास रखा और शिवजी की आराधना की. बाबा की कृपा से बगैर बच्चेदानी के उन्हें संतान प्राप्ति होने का उल्लेख अर्चना श्रीवास ने किया और यह भी लिखा था कि डॉक्टर्स के अनुसार बगैर गर्भाशय संतान नहीं हो सकती, फिर भी वे मां बनी. उन्हें संतान प्राप्ती हुई.
* मचा बवाल, सर्वत्र चर्चा
व्यासपीठ से पत्र पढकर पूज्य महाराज जी ने उल्लेख किया. शिवभक्ति का दावा किया. किंतु इस दावे ने खलबली मचा दी. चिकित्सा क्षेत्र ने बगैर गर्भाशय के बच्चे होने की बात सिरे से खारिज कर दी. डॉक्टर्स के हिसाब से यह नामुमकिन है. इसके वीडियो सर्वत्र वायरल होने से काफी बवाल मचा.
* सामने आई अर्चना
अर्चना श्रीवास ने आज सामने आकर खुलासा किया कि उनका गर्भाशय नहीं निकाला गया था. उसके पास की गांठ चिकित्सकों ने सर्जरी कर हटाई थी. जो भी चूक है, उनकी है. उन्होंने गलती से पत्र से यह लिख दिया था कि बगैर गर्भाशय के 27 सितंबर 2023 को उन्हें पुत्र प्राप्ति हुई. पंडाल में हडबडी में पत्र लिखा. इसलिए गर्भाशय निकाल देने का उल्लेख मुझसे हो गया था. यह स्पष्टीकरण एक युट्यूब चैनल को दी भेंट में अर्चना श्रीवास ने किया है.

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