अमरावती

आर्किटेक प्रथम वर्ष प्रवेश की कडी शर्ते शिथिल

विद्यार्थियों को मिली राहत, जारी शैक्षणिक सत्र से नया नियम

अमरावती/दि.26 – वास्तुकला पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया सहज व सरल हो तथा विद्यार्थियों को राहत मिले. इस हेतु राज्य सरकार की वास्तुकला परिषद ने प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु कठीन रहने वाली शर्तों को शिथिल कर दिया है. जिसके चलते वर्ष 2023-24 के शैक्षणिक सत्र से नये नियम लागू होंगे. इस निर्णय को आर्किटेक्चर पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के इच्छूक विद्यार्थियों हेतु काफी राहतपूर्ण माना जा रहा है.
विगत 19 जुलाई को शासन द्वारा वास्तुकला परिषद के राजपत्र में प्रकाशित की गई सुधारित अधिसूचना के अनुसार वास्तुकला अभ्यासक्रम में प्रवेश के लिए दी गई शर्तों को शिथिल किया गया है. जिसके चलते इस अभ्यासक्रम में प्रवेश लेने हेतु इच्छुक होकर भी शर्त पूर्ण न कर सकने वाले विद्यार्थियों के लिए यह स्वर्ण अवसर रहेगा. एवं प्रथम वर्ष वास्तुकला अभ्यासक्रम के लिए प्रवेश लेने हेतु पात्र ठहराये जाएंगे.
विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए गत कुछ महीनों से राज्य के आर्किटेक्चर महाविद्यालय द्वारा दिल्ली के कौन्सिल ऑफ आर्किटेक्चर को शर्त शिथिल करने बाबत नियोजन किया गया. जिसे सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए वास्तुकला परिषद के अध्यक्ष डॉ. अभय पुरोहितके प्रयासों से प्रवेश की कड़ी शर्तों को हटाए जाने की जानकारी समन्वयक डॉ. सचिन हजारे ने दी.

सुधारित अधिसूचनानुसार प्रवेश हेतु ऐसी है पात्रता
* 12 वीं परीक्षा प्रणाली में गणित व भौतिक शास्त्र विषय सहित रसायनशास्त्र या जीवशास्त्र या तकनीकी विषय सहित या संगणक विज्ञान या सूचना तकनीकी ज्ञान या सूचना विज्ञान सराव या अभियांत्रिकी ग्राफिक्स या व्यवसायिक सराव यह विषय अनिवार्य विषयों सहित कुल 45 प्रतिशत अंकों के साथ या 10वीं पश्चात डिप्लोमा गणित विषय के साथ कुल 45 प्रतिशत अंक लेकर उत्तीर्ण हुए विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे.
* आर्किटेक्चर की अभियोग्यता जांच एनटीए द्वारा आयोजित जेईई-2 अशून्य गणक या कोंसिल ऑफ आर्किटेक्चर द्वारा आयोजित एनएटीए उत्तीर्ण इनमें से कोई एक पूर्ण करने वाले उम्मीदवार डी. आर्च 2023-24 प्रवेश हेतु पात्र होंगे.

आर्किटेक्चर अभ्यासक्रम द्वारा रोजगार के अच्छे अवसर है. लेकिन प्रवेश में अनेक कड़ी शर्तों को लादा गया था. जिसके चलते सामान्य विद्यार्थी उन्हें पूर्ण नहीं कर सकते थे. यह अन्यायकारक बात शासन के वास्तुकला परिषद के ध्यान में लायी गई. अब उन शर्तों को हटाने से प्रवेश प्रक्रिया सुकर होने वाली है.
– प्राचार्य संजय देशमुख,
पी.आर. पाटील कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर महाविद्यालय, अमरावती

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