कहीं कृत्रिम रंगो से तो सुर्ख लाल नहीं हो रहे तरबूज?
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अमरावती /दि. 15– गर्मी के मौसम दौरान तरबूज, संतरे व अंगूर जैसे रसीले फलों की मांग बढ जाती है. कई बार फल बिक्रेताओं द्वारा तरबूज को काटकर बिक्री हेतु रखा जाता है. जिनके सुर्ख लाल दिखाई देने पर ग्राहक उनकी और आकर्षित होते है. परंतु कई बार ऐसे तरबूजों में रसायन यानी केमिकल्स का प्रयोग किया गया होता है. जिसकी वजह से तरबूज एकदम ही सुर्ख लाल दिखाई देते है.
* कैसे पहचाने रसायन वाले तरबूज को
उपर से देखने पर यह समझ में नहीं आता कि, तरबूज को नैसर्गिक रुप से पकाया गया है या रसायन डालकर. ऐसे समय तरबूज के दंठल की ओर ध्यान देना चाहिए. यदि तरबूज रासायनिक प्रक्रिया कर लाल किया गया है तो उसका दंठल हरा ही दिखाई देगा.
* लाल रंग के झांसे में न आए
कच्चे तरबूज पर रसायन का प्रयोग करते हुए उसे सुर्ख लाल रंग दिया जाता है. ताकि ऐसे अधपके तरबूजों की बिक्री हो सके. अत: तरबूज का केवल सुर्ख लाल रंग देखकर ही उसके झांसे में नहीं आना चाहिए. क्योंकि ऐसे तरबूज का सेवन स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है.
* अब तक एक भी कार्रवाई नहीं
रसायनयुक्त तरबूज को कैसे पहचाना जाए और ऐसे विक्रेताओं पर कार्रवाई कौन करें, इसे लेकर भी काफी संभ्रम है. जिसके चलते एफडीए द्वारा अब तक एक भी कार्रवाई नहीं की गई है.
* बीज कोमल निकलने पर हो सकती है जालसाजी
कच्चे तरबूज को रसायन का प्रयोग करते हुए सुर्ख लाल किया जाता है और उनकी बिक्री की जाती है. ऐसे तरबूजों को काटने के बाद उनके बीज कोमल यानी अधकच्चे निकलते है. जिसका सीधा मतलब है कि, वह तरबूज नैसर्गिक रुप से पका हुआ नहीं है. बल्कि स्वास्थ के लिए हानिकारक है. ऐसे तरबूज को लेकर आम नागरिकों की ओर से बडे पैमाने पर शिकायतें मिलने लगी है.
* 20 रुपए प्रति किलो की दर पर बिक्री, घटेंगे दाम
तरबूज के दाम फिलहाल 20 से 25 रुपए प्रति किलो के आसपास है. बाजार में फिलहाल तरबूज की आवक बहुत अधिक नहीं हुई है. वहीं आगामी 15 दिन में बडे पैमाने पर तरबूजों की आवक हो सकती है. तब तरबूज के दाम थोडे कम हो सकते है.
* इंजेक्शन से डाला जाता है तरबूज में लाल रंग
विशेषज्ञों के मुताबिक कई फल बिक्रेताओं द्वारा तरबूज को तोडने के बाद बाजार में बिक्री हेतु लाने से पहले उनमें इंजेक्शन के जरिए लाल रंग का द्रव्य छोडा जाता है. जिसके चलते भीतर से सफेद रहने वाले तरबूज एक झटके के साथ पके हुए तरबूज की तरह अंदर से सुर्ख लाल हो जाते है.
* अब बाजार में पीले रंग के भे तरबूज
कई किसान अपने-अपने खेतों में खेती किसानी को लेकर अलग-अलग प्रयोग करते है. जिसके चलते अब पीले रंगवाले तरबूजों की भी खेती होनी लगी है. इन तरबूजों का स्वाद लाल रंग वाले तरबूजों से भी काफी अधिक मीठा व स्वादिष्ठ होता है.