अमरावती/प्रतिनिधि दि.१३ – कोरोना महामारी के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने पर कडी पाबंदियां लगायी गई है. बावजूद इसके शहर में रहने वाले नागरिक सुबह सवेरे टहलने के लिए निकलते है. लेकिन मार्निंग वॉक करने वालों को पकडकर पुलिस वैन में ठूंसकर पुलिस थाने के परिसर में जमीन पर बैठाकर कार्रवाई की गई.इस कार्रवाई को लेकर पूर्व विधायक सुनील देशमुख ने पुलिस प्रशासन पर अपनी भडास निकालते हुए कहा कि, क्या हम अपराधी है? ऐसी सख्त कार्रवाई की कोई भी जरुरत नहीं थी.
यहां बता दें कि, पुलिस प्रशासन की ओर से लॉकडाउन के दौरान सुबह सवेरे मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों पर भी कार्रवाई करना शुरु किया गया है. पुलिस ने मार्निंग वॉक करने वाले लोगों को पकडकर उनके साथ अपराधियों के समान बर्ताव किया गया. यहां तक की एक महिला को धकेला गया जिससे वह महिला वाहन की सीढी पर गिर गई. इस संबंध में पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख को अनेक लोगों ने फोन कर अपनी आपबीती सुनाई और पुलिस कार्रवाई को लेकर संतप्त भावनाएं व्यक्त की.
अधिकांश लोगों का कहना रहा कि अगर पुलिस ने साधारण वॉर्निंग भी दी होती तो हम कल से मार्निंग वॉक के लिए घर से बाहर नहीं निकलते. लेकिन पुलिस ने जबरन वाहन में बिठाया इस समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया. इस कार्रवाई से अपमानित होने का महसूस हो रहा है. जिसके बाद पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने गाडगे नगर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि, क्या यह सख्त कार्रवाई जरुरी थी.
एक ओर न्यायप्रिय नागरिकों पर मामूली गलती के लिए इतनी कडी कार्रवाई, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की नियाजनशून्यता के कारण टीकाकरण केंद्रों पर उमडती भीड और कोरोना बचाव उपायों की उडती धज्जियां प्रशासन को क्यों नहीं दिखाई देती है. टीके के लिए घंटों वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं को खडा रहना पडता है. शहर के टीकाकरण केंद्र तथा बडनेरा के हरिभाऊ वाट टीकाकरा केंद्र पर को-वैक्सीन के 100-150 टीके मिले थे. लेकिन ढाई से तीन हजार लोगों की भीड सुबह 4 बजे से उमडी थी. भीड को नियंत्रित करने के लिए यहां पुलिस नहीं दिखाई पडी. इस तरह की अव्यवस्था तथा भीड के लिए जिम्मेदार अधिकारी तथा कर्मचारियों को भी पुलिस थाने कतार से बैठा कर इस तरह की कार्रवाई होने दें. इससे कम से कम नाहक फैल रहे कोरोना पर नियंत्रण आने की उपरोधक बात भी डॉ. सुनील देशमुख ने कही.