* स्वतंत्र व्यवस्था करने अथवा प्राथमिकता देने की मांग
अमरावती/दि.4-विधान सभा चुनाव का उत्सव मनाया जा रहा हे. मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. किंतु तृतीयपंथियों का वर्ग आज भी इस प्रवाह से वंचित है. मतदान केंद्रों पर महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग कतार होती है, लेकिन हम किस कतार में खडे रहें? यह सवाल तृतीयपंथियों के समक्ष खडा हो गया है. मतदान दौरान तृतीयपंथियों के लिए अलग से कतार की व्यवस्था की जाए अथवा मतदान करने प्राथमिकता देने की मांग की जा रही है.
विधान सभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होने वाला है. इस चुनाव में मतदाताओं ने अपना अधिकार आजमाने के लिए चुनाव विभाग द्वारा जागरूकता मुहिम चलाई जा रही है. दिवाली में भी रंगोली निकालकर मतदाता जनजागृति बडे पैमाने पर की गई. जल, स्वच्छता गृह, पलनाघर, बैठने की व्यवस्था आदि विविध सेवा सुविधा निर्माण की जा रही है. वयोवृद्ध व दिव्यांग लोगों को घर पर डाक मतदान की सुविधा कराई गई है. लेकिन तृतीयपंथी मतदाताओं के बारे में ध्यान नहीं दिया हे, ऐसा दिख रहा है.
* देखने का नजरिया बदलेें
तृतीयपंथी मतदाता जब मतदान केंद्र पर जाते है तब महिला व पुरुष मतदाताओं का उनकी ओर ओर देखने का नजरिया अलग होता है. महिलाओं अथवा पुरुषों की कतार में से किसके कतार में खडे रहें, यह समस्या उनके समक्ष निर्माण होती है. इसलिए समाज का उनकी ओर देखने का नजरिया बदलना जरुरी है.
* विधान सभा निहाय संख्या
विधान सभा क्षेत्र तृतीयपंथी
धामणगांव रेल्वे 3
बडनेरा 43
अमरावती 26
तिवसा 2
दर्यापुर 2
मेलघाट 11
अचलपुर 5
मोर्शी 1
कुल 94
मतदान दौरान प्रथम प्राधान्य दें
तृतीयपंथियों की ओर देखने का समाज का नजरिया हमेशा से ही उपेक्षित रहा है. चेष्टा अथवा विचित्र नजरों का सामना करना पडता है. जिसके कारण मतदान को आना टाला जाता है. इसलिए तृतीयपंथियों के लिए स्वतंत्र कतार रखें अथवा मतदान में उन्हें प्रथम प्राधान्य दिया जाए.
– गुड्डीबाई (किन्नर), अमरावती