कहीं आप नकली घी का सेवन तो नहीं कर रहे?
अमरावती/दि.27– पर्व एवं त्यौहारों के समय तेल व घी का प्रयोग जमकर होता है. परंतु बाजार से खरीदा जा रहा तेल अथवा घी कितना शुद्ध है अथवा शुद्ध है भी या नहीं इसकी ओर किसी का भी ध्यान नहीं रहता. लेकिन मिलावट या नकली घी का सेवन करने से शरीर पर विपरित परिणाम पड सकता है. ऐसे में घी खरीदते समय उसकी शुद्धता को लेकर सावधानी व सजगता बरती जानी चाहिए. बाजार में मिलने वाले असली घी पर आईएसआई मार्किंग तथा एफएसएसएआई पंजीयन क्रमांक व लाईसेंस क्रमांक होता है. साथ ही पैकिंग पर घी में रहने वाले पोषक तत्व व घटक की जानकारी देखकर भी घी की खरीददारी करनी चाहिए.
* दीपावली तक घी की मांग अधिक
दीपावली के समय विविध तरह के मीठे व्यंजनों को बनाया जाता है. जिन्हें बनाने हेतु घी का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में दीपावली पर्व के समय घी की अच्छी खासी मांग रहती है.
* शुद्ध घी को कैसे पहचानें?
किसी बर्तन में एक चम्मच घी डालकर उसे गर्म करे, यदि घी तुरंत पिगल गया और उसका रंग गहरा कत्थाई हो गया, तो उसे शुद्ध घी मानना चाहिए. वहीं यदि घी को पिघलने में समय लगता है तथा उसका रंग हल्का पिला रहता है, तो उसे नकली या मिलावटयुक्त घी मानना चाहिए.
* घी खरीदते समय सावधानी जरुरी
बाजार में उपलब्ध रहने वाला घी 100 फीसद शुद्ध रहता है, ऐसा दावा संबंधित कंपनियों द्वारा किया जाता है. लेकिन इसमें कई बार मिलावट रहने की संभावना भी रहती है और मिलावटयुक्त घी का प्रयोग करने पर कई तरह की बीमारियां होने की आशंका रहती है.
* मिलावटयुक्त घी शरीर के लिए हानिकारक
वनस्पती घी व तिल्ली के तेल का प्रयोग करते हुए मिलावटयुक्त घी बनाया जाता है. जिसका स्वाद लगभग असली घी की तरह होता है. इस नकली घी को असली घी की कीमत में ही बेचा जाता है. परंतु इस नकली घी का सेवन करने से उसका शरीर पर विपरित परिणाम होता है.
* एक माह में लिए गए 6 सैम्पल
पर्व एवं त्यौहारों के समय कई पदार्थों में मिलावट होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जिसके चलते अन्न व औषधी प्रशासन द्वारा शहर में खाद्यपदार्थ के विक्रेताओं पर नजर रखी जाती है और उनके यहां से खाद्य पदार्थ के सैम्पल लिए जाते है. इसी के तहत विगत 1 माह से 6 विक्रेताओं के यहां से सैम्पल लिए गए.
* पर्व एवं त्यौहारों वाले दिनों में घी की बढती मांग को देखते हुए बजार में मिलावटयुक्त घी की विक्री होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जिसके चलते अन्न व औषधी प्रशासन ने पहले ही अपनी जांच शुरु कर दी है.
– गणेश परलीकर,
सहायक आयुक्त, अन्न व औषधी प्रशासन विभाग