अमरावती/दि.6– तेंदुआ और मानव संघर्ष टालने के लिए सरकार ने अब 15 विधायक वन विभाग की मदद के लिए दिए है. इसमें नागपुर विभाग की जिम्मेदारी समीण कुणावार व आशीष जयस्वाल पर सौंपी गई है. तथा अमरावती के लिए संजय कुटे, यवतमाल के लिए अशोक उईके व मदन येरावार, गडचिरोली के लिए कृष्णा गजबे, चंद्रपुर के लिए प्रतिभा धानोरकर, कोल्हापुर के लिए अनिल बाबर, प्रकाश आविटकर, जयंत पाटिल व मानसिंग नाईक, पुणे विभाग के लिए अतुल बैनके व अशोक पवार, ठाणे के लिए सुनील प्रभू और नाशिक के लिए दिलीप बनकर ऐसी विभाग निहाय विधायकों की फौज तेंदुए के बंदोबस्त के लिए तैयार की है.
निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारी, कर्मचारियों पर कडी निगरानी रखने वाले विधायकों पर अब राज्य सरकार ने तेंदुओं पर वॉच रखने की जिम्मेदारी सौंपी है. बाघों का संगोपन और संवर्धन करने के लिए राज्य में फिलहाल सात व्याघ्र प्रकल्प और 42 अभयारण्य है. लेकिन तेंदुओं की संख्या महाराष्ट्र में बडी संख्या में बढ गई है. जंगल भी कम पडने से तेंदुए शहर, ग्रामीण बस्ती की ओर प्रवेश कर रहे है. कुछ स्थानों पर तेंदुए ने दहशत निर्माण की है. मानव बस्ती में प्रवेश करने की अनेक घटनाएं सामने आने से तेंदुआ और मानव संघर्ष रोकने के लिए राज्य सरकार ने अब तेंदुए पर वॉच रखने के लिए सत्ताधारी और विपक्ष के करीब 15 विधायकों पर जिम्मेदारी सौंपी है. अब यह विधायक तेंदुए का बंदोबस्त कैसे करते है? यह आने वाले समय में दिखाई देगा.
* हर 15 दिन में बैठक लेने के आदेश
तेंदुए के बंदोबस्त की जिम्मेदारी अब विधायकों पर रहने से वन अधिकारियों को तेंदुए का संचार रहने वाले क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी रखनी होगी. आयएफएस श्रेणी के 10 मुख्य वनसंरक्षकों पर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. तेंदुए के संदर्भ में विधायकों को जानकारी देने के लिए हर 15 दिन में बैठक लेनी होगी, यह आदेश राजस्व व वन विभाग के विशेष कार्य अधिकारी सिद्धेश सावर्डेकर ने 20 दिसंबर 2023 को जारी किया है.