अमरावती के अर्णव ने अंतरराष्ट्रीय सुपर रैंडोन्युर्स पदवी हासिल की
40 घंटे की जगह 39 घंटे में साइकिल से सफर तय कर कामयाबी पायी
अमरावती के अर्णव ने अंतरराष्ट्रीय सुपर रैंडोन्युर्स पदवी हासिल की
* 40 घंटे की जगह 39 घंटे में साइकिल से सफर तय कर कामयाबी पायी
अमरावती- दि.24 फ्रान्स के ऑडोक्स क्लब व्दारा आयोजित बीआरएम स्पर्धा में 200 किलोमीटर, 300 किलोमीटर, 600 किलोमीटर का सफर साइकिल से दिये निर्धारित 40 घंटे के समय की जगह 39 घंटे में पूरा कर सुपर रैंडोन्युर्स यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की पदवी प्राप्त कर अमरावती का अर्णव हिवराले सबसे कम आयु का एसआर बना है. यह अमरावती के लिए गौरव की बात है.
लॉकडाउन में विरंगुला के रुप में अर्णव उसकी मां अर्चना दुधे के साथ साइकिलिंग के लिए जाता था. डॉ. चंद्रशेखर कुलकर्णी से प्रेरणा लेकर फे्रन्डस् फोरएवर ग्रुप के साथ रोजाना प्रैक्टीस कर अर्णव ने विजय धुर्वे, गणेश बोरोकार के मार्गदर्शन में बीआरएम प्रतियोगिता में भाग लेकर शानदार सफलता हासिल की. अर्णव ने 200 किलोमीटर, 300 किलोमीटर, 600 किलोमीटर की चेतन शर्मा के वाशिम रैंडोन्युर्स क्लब व्दारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेकर पूरा किया. इसी तरह 400 किलोमीटर नागपुर क्लब की ओर से पूरा किया. रैंडोनियरिंग याने अकेले ने तय की दूरी.
ऑडोक्स क्लब के नियम इतने कडक रहते है कि, 200-300 किलोमीटर की यात्रा करते समय रास्ते में धूप, हवा, बारिश, रात का अंधेरा, घनघोर जंगल, हिंसक पशु का सामना करते हुए उन्हें किसी की सहायता न लेते हुए पूरा करना पडता है. नवंबर से अक्तूबर वार्षिक समयावधि में 200, 300, 400 और 600 किलोमीटर की एक राईड पूरी करना पडता है. फरवरी 2022 में अर्णव ने 600 किलोमीटर साइकिल चलाकर उसकी राईड पूरी की, परंतु 15-20 मिनट देरी होने के कारण उसे अपात्र ठहराया गया. एसआर पदवी पाने की जिद्द न छोडते हुए अर्णव ने पुणे के सिंहगड लॉ कॉलेज की पढाई के साथ साइकिल की प्रैक्टीस शुरु रखी. 17 सितंबर 2022 को उसने 40 घंटे के बजाय 39 घंटे में साइकिल चलाकर 1 घंटे पहले अपना लक्ष्य पूरा किया. इसपर अर्णव की सभी ओर प्रशंसा की जा रही है.