अमरावती

शहर में छोटे तुर्रेवाले सूरय पक्षी का आगमन

बोरगांव बांध परिसर में दिखाई दिया पक्षी निरीक्षकों को

अमरावती/दि.7– शहर से बाहर बोरगांव बांध परिसर में पक्षी निरीक्षक व फोटोग्राफर प्रशांत निकम पाटील, संकेत राजूरकर एवं कौशिक तट्टे को पक्षियों का निरीक्षण करते समय छोटे तुरेवाला सूरय पक्षी दिखाई दिया.
नवंबर महीने की शुरुआत होते ही अमरावती के आजूबाजू के जंगल एवं शहर परिसर के जलाशयों पर स्थलांतरित पक्षियों की संख्या बढ़ती है. पक्षी निरीक्षक एवं पक्षी छायाचित्रकार में उत्साह का वातावरण रहता है. उस पर हर साल नये पक्षियों के नाम दर्ज होते हैं. शहर के समीप स्थित बोरगांव बांध परिसर में नवंबर महीने में छोटे तुर्रेवाला सूरय पक्षी देखा गया.
इस पक्षी को लेसर क्रेस्टेड टर्न यह अंग्रेजी नाम होकर स्टेरना बंगालेंसिस इस शास्त्रीय नाम से पहचाना जाता है. इसका आकार साधारणतः 43 से 44 से.मी. होता है. चोच का रंग हल्का पीला -नारंगी होकर पैर काले होते हैं. इस पक्षी की चोच सीधी व नुकीली होती है. जाड़े के मौसम में इसके पूर्ण सिर से लेकर गर्दन तक के भाग पर गहरा टोपी समान मुखौटा एवं सिर के पीछे पंखों का छोटा सा तुर्रा दिखाई देता है. हर समय मस्तक काभाग सफेद होता है. पाकिस्तान, बांग्लादेश व श्रीलंका में वसाहत करने वाले यह पक्षी ठंड में स्थलांतर कर भारत में मुख्यतः समुद्र किनारे आते हैं. लेकिन साधारतणतः अप्रैल से जून महिने में भारतीय उपखंड के किनारपट्टी के समीप के छोटे-छोटे बेटों पर इनका समूह होता है. इस पक्षी के अंडे हल्के रंग के होकर उन पर काले धब्बे होते हैं. यह पक्षी रेती, पत्थर आदि में 1-2 गोलाकार अंडे देते हैं. पानी की मछलियां, झिंगा और अन्य छोटे प्राणी यह इनका मुख्य खाद्य है.
समुद्र के पानी पर उड़ान लेने वाला यह पक्षी लगातार बदलने वाले वातावरण और निसर्ग के लहरीपन या मार्ग भटकने के कारण किनारपट्टी से इतने अंदर पठारी भाग में दिखाई दिया होगा, यह संपूर्ण विदर्भ में पहली बार दर्ज किया गया है.

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