अमरावती

तीन माह में ६०९६ पशुधन का कृत्रिम रेतन

२ हजार १५० बछडों ने लिया जन्म

प्रतिनिधि/दि.२५

अमरावती-पशु संवर्धन विभाग के मार्फत विगत अप्रैल से जून माह के दौरान समूचे जिले में ६ हजार ९६ जानवरों का कृत्रिम रेतन कराया गया. जिसके जरिये २ हजार १५० बछडों का जन्म हुआ. जिसमें सर्वाधिक बछडे वरूड तहसील में जन्मे. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि इन्हीं तीन माह के दौरान कोरोना को लेकर लॉकडाउन जारी था. बावजूद इसके पशुसंवर्धन विभाग लॉकडाउन के दौरान भी बडी जिम्मेदारीपूर्ण ढंग से अपना काम कर रहा था. इस संदर्भ में जिला पशु वैद्यकीय अस्पताल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले में ६ लाख ५० हजार २२८ गाय व भैसवर्गीय पशुधन है. साथ ही ५२ हजार ५४ भेड व २ लाख ८१ हजार २७१ बकरिया है. जिन पर पशु वैद्यकीय अस्पताल द्वारा औषधोपचार किया गया. वहीं ६ हजार ९६ जानवरों का कृत्रिम रेतन करवाया गया. पशुपालकों को बेहतरीन व दुधारू जानवर मिले और उनके पैसों की बचत हो, इस हेतु जिला परिषद के पशुसंवर्धन विभाग द्वारा जानवरों का कृत्रिम रेतन कराया जाता है. विगत तीन माह के दौरान जहां एक ओर कोरोना एवं लॉकडाउन के चलते सभी लोगबाग अपने-अपने घरों में कैद थे, वहीं ऐसे गंभीर हालात में भी जानवरों का औषधोपचार करने हेतु जिला परिषद के १०१ व राज्य सरकार के ६८ पशु दवाखानों में पूरी मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा था. जिसके लिए पशुधन सहायक, पशुधन विकास अधिकारी व पशुधन पर्यवेक्षक की टीम कार्यरत थी. पशु वैद्यकीय दवाखानों में जानवरों का इलाज करते समय किसी भी जानवर में कोरोना सदृश्य वायरस के लक्षण नहीं पाये गये. साथ ही जानवरों के इलाज हेतु दवाईयों व इंजे्नशन का भरपुर स्टॉक उपलब्ध रखा गया. इसके दौरान पशु संवर्धन विभाग ने जिले के दुर्गम इलाकों में भी जाकर पशुपालकों को उनके मवेशियों हेतु इलाज व औषधोपचार की सुविधा उपलब्ध करायी. गत वर्ष की तुलना में अच्छा काम गत वर्ष पूरे सालभर के दौरान ४ हजार ५७८ कृत्रिम रेतन कराये गये थे. वहीं इस बार कोरोना व लॉकडाउन की कालावधी में ही गत वर्ष की तुलना में १ हजार ५१८ अधिक कृत्रिमरेतन कराये गये है, ऐसी जानकारी जिला पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. विजय रहाटे ने दी है. तहसीलनिहाय कृत्रिम रेतन संख्या अमरावती में १९५, अचलपुर में ९२, भातकुली में ११४, चांदूर रेलवे मेें ५९, चिखलदरा में ११, धारणी में ९, दर्यापुर में २३१, धामणगांव रेलवे में २७०, नांदगांव खंडेश्वर में १७५, तिवसा में ३०४, मोर्शी में १४२, वरूड में ३२०, अंजनगांव सुर्जी में १८९ तथा चांदूर बाजार में २८४ ऐसे कुल ६ हजार ९६ कृत्रिम रेतन सफलतापूर्वक किये गये

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