अमरावती

अरुण वरणगांवकर का दातृत्व कुबेर से भी अधिक

अभिष्टचिंतन समारोह में बाल कुलकर्णी का कथन

अमरावती/दि.17 – एक सर्वसामान्य परिवार में जन्म लेने वाले और कालांतर में निजी नौकरी करते हुए अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाले अरुण वरणगांवकर ने आगे चलकर उद्योग क्षेत्र में कदम रखते हुए घरकुल मसाले की नींव रखी और घरकुल मसाले के जरिए अमरावती शहर के नाम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा दिया. जिसके चलते आज घरकुल मसाले अपने आप में एक ब्राँड है. अपने पारिवारिक व औद्योगिक जिम्मेदारियों को संभालने के साथ ही अरुण वरणगांवकर ने हमेशा अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी पूरा एहसास रखा और अपने पास आने वाले प्रत्येक जरुरतमंद की खुले हाथ से सहायता की. ऐसे में उनके दातृत्व को कुबेर से भी अधिक बडा कहा जा सकता है. इस आशय का प्रतिपादन ख्यातनाम पत्रकार बाल कुलकर्णी द्बारा किया गया.
हाल ही में घरकुल मसाले के संस्थापक संचालक अरुण वरणगांवकर ने अपने जीवन के अमृत महोत्सवी वर्ष में पदार्पण किया. जिसके उपलक्ष्य में उनके मित्र परिवार द्बारा कल रविवार 16 अप्रैल को हव्याप्रमं परिसर स्थित स्व. सोमेश्वर पुसतकर सभागार में अरुण वरणगांवकर का अभिष्टचिंतन समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें हव्याप्रमं के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य तथा प्राचार्य प. सी. काने के हाथो अरुण वरणगांवकर का सपत्नीक सत्कर किया गया. इस अवसर पर बाल कुलकर्णी द्बारा उपरोक्त विचार व्यक्त किए गए. साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में अरुण वरणगांवकर को उर्जा संपन्न व अजात शत्रु व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि, उद्योग क्षेत्र में ‘मराठी माणुस’ भी पीछे नहीं है. इस बात को अरुण वरणगांवकर ने अपने आचरण और कृती से साबित कर दिखाया है.
इस अभिष्टचिंतन समारोह में सीए चंद्रकांत कलोती, पद्मश्री डॉ. स्मीता कोल्हे, वरिष्ठ पत्रकार विलास मराठे, उद्योजक नरेश वर्मा, लेखक गजानन देशमुख, मृणाल वरणगांवकर, तुषार वरणगांवकर, तृप्ति वरणगांवकर, तुषार पाटिल, अतुल गायगोले व डॉ. अविनाश चौधरी सहित अरुण वरणगांवकर के मित्र परिवार में शामिल रहने वाले शहर के अनेकों डॉक्टर, उद्योजक, व्यापारी व सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे. कार्यक्रम में प्रास्ताविक अतुल गायगोले, संचालन तुषार पाटिल व आभार प्रदर्शन डॉ. अविनाश चौधरी द्बारा किया गया.

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