अमरावती

डिजिटल व्यवहार बढने के साथ ही ऑनलाइन जालसाजी के मामले भी बढे

जिले में आधे से अधिक व्यवहार हो रहे ऑनलाइन

* साइबर जालसाजी टालने के लिए सतर्कता आवश्यक
अमरावती/दि.21– इन दिनों ऑनलाइन व्यवहार की ओर लोगों का रुझान लगातार बढ रहा है और लोगबाग बडे धडल्ले के साथ डिजिटल बैंकिंग के साथ ही ऑनलाइन तरीके से आर्थिक लेन-देन का व्यवहार करने लगे है. इसके साथ ही ऑनलाइन जालसाजी के मामले भी उसी रफ्तार से बढ रहे है. ऐसे में आर्थिक लेन-देन के डिजिटल यानि ऑनलाइन व्यवहार करते समय काफी सतर्कता बरती जानी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों अधिक से अधिक आर्थिक व्यवहार ऑनलाइन अथवा डेबिट या के्रेडिट कार्ड के जरिए होने लगे है. ऐसे में अपनी जेब या अकाउंट से कितने पैसे खर्च हो रहे है इसका भान भी ग्राहक को नहीं रहता और कई बार महिने के अंत में जेब और खाता पूरी तरह से खाली हो जाने का अनुभव भी ग्राहकों को आता है. मौजूदा परिस्थिति में ऑनलाइन पेमेंट करते समय कुछ बातों को बडी सावधानी के साथ ध्यान में रखना चाहिए, ताकि बैंक खाते की रकम सुरक्षित रहे और साइबर अपराधियों द्बारा बचत खातों मेें ऑनलाइन तरीकों से सेंध न लगाई जा सके.
* जिले में 100 करोड का डिजिटल व्यवहार
जारी आर्थिक वर्ष की पहली तिमाही के दौरान अमरावती जिले में 15 हजार 861 डिजिटल व्यवहार हुए. जिसमें करीब 100 करोड रुपयों का ऑनलाइन ट्रान्झेक्शन हुआ और करीब 70 से 75 करोड रुपयों का डिजिटल व्यवहार हुआ.
* सार्वजनिक वायफाय का प्रयोग टाले
किसी को भी अपना बैंक खाता यदि सुरक्षित रखना है, तो किसी भी सार्वजनिक वायफाय अथवा साइबर कैफे के इंटरनेट का प्रयोग करना टाला जाना चाहिए.
* सुरक्षित पासवर्ड का प्रयोग करें
लॉग इन क्रेडिशियल के लिए मजबूत व सुरक्षित पासवर्ड तैयार करना तथा ई-बैंकिंग व ई-कॉमर्स की वेबसाइट पर डेबिट व क्रेडिट कार्ड का सुरक्षित पीन नंबर बनाना बेहद जरुरी है. साथ ही पासवर्ड को समय-समय पर बदलना भी बेहद महत्वपूर्ण है.
* कितना पैसा खर्च हुआ, इस पर ध्यान रखना जरुरी
डिजिटल व्यवहार में अपने हाथ से नगद रकम गिनकर किसी को नहीं दी जाती. ऐसे में निश्चित तौर पर कितना पैसा खर्च हो रहा है. इसका अंदाज नहीं लगता. जिसके चलते ऑनलाइन खर्च का प्रमाण बढने के साथ ही खर्च करने की मानसिकता में वृद्धि होने का प्रमाण भी बढ रहा है. जिसकी वजह से निश्चित तौर पर कितना पैसा खर्च हुआ. इसकी ओर ध्यान ही नहीं रहता. जिसकी वजह से महिने के अंत में बचत खाता पूरी तरह से खाली हो जाता है. जबकि अपने द्बारा किए जाने वाले खर्च पर ध्यान रखना बेहद जरुरी है.
* डिजिटल से खर्च करने की मानसिकता में वृद्धि
कोरोना काल से जिले में डिजिटल व्यवहार के प्रमाण में बडे पैमाने पर वृद्धि हुई है. भाजी वाले से रिक्षा वाले तक तथा आटा चक्की वाले से पान टपरी तक हर जगह पर ऑनलाइन पेमेंट करने का प्रमाण बढ गया है.
* ऑनलाइन पेमेंट की हो गई आदत
इन दिनों अधिकांश लोगबाग अपनी जेब में नगद रकम नहीं रखते और किसी भी तरह का भुगतान नगद करने से बचते है, बल्कि हर व्यक्ति अपने मोबाइल में जी-पे, फोन-पे व पेटीएम जैसे एप डाउनलोड करके रखता है, जो उसके बैंक खाते से लींक रहते है और इन ऑनलाइन पेमेंट एप के जरिए ही लोगबाग बडे पैमाने पर ऑनलाइन भुगतान करते है. यह धीरे-धीरे लोगों की आर्थिक लेन-देन संंबंधी आदतों में शामिल हो गया है.

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