जितना हमारा प्रेम गुरु और गोविंद से है, उतना ही प्रेम उनका हमारे साथ भी- परम पूज्य संत श्री डॉ.संतोष देव जी महाराज
भव्य शिवधारा झूलेलाल चालीहा का शुभारंभ
* सिंधुनगर स्थित पूज्य शिवधारा आश्रम में उमड रहा भाविकों का सैलाब
अमरावती/दि.17– हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 16 जुलाई से भव्य शिवधारा झूलेलाल चालीहा का आयोजन सिंधुनगर स्थित पूज्य शिवधारा आश्रम में श्री शिवमहापुराण, श्री रामायण, श्रीमद भागवत महापुराण, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, श्री शिवधारा अमृत ग्रंथ साहिब एवं ओम नमः शिवाय के अखंड जब से शुभारंभ हुआ.
उल्लेखनीय है कि 16 जुलाई से 25 अगस्त तक सुबह सुबह 8.30 बजे ध्यान, 9 बजे नित्य नेयम, 9.15 से 10 बजे सत्संग, 10.15 बजे भगवान झूलेलाल जी कि विशेष पूजा बहराणा साहिब होगा. यह भव्य अनुष्ठान 1008 सतगुरु स्वामी शिवभजन जी महाराज की पावन आशीर्वाद से संपन्न होता आ रहा है. इस 40 दिन के अनुष्ठान में सैकड़ो भक्ति जन नियम पालन करते हैं. जिसमें एक टाइम सात्विक बगैर लहसुन प्याज वाला भोजन करना, धरती पर शयन करना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, बाल और नाखून न काटना, दूसरे के घर का न खाना, मांस मदिरा से खुद को बचाना आदि कठोर नियम पालन करके भक्ति भाव को बढ़ाते हैं एवं मोक्ष के राह पर आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं.
दूसरे दिन के सत्संग में परम पूज्य संत श्री डॉ.संतोष देव जी महाराज ने अपनी मधुर वाणी में फरमाया कि जितना हमारा प्रेम गुरु और गोविंद से है, उतना ही प्रेम उनका हमारे साथ भी है. उदाहरण देते हुए महाराज श्री ने बताया कि पंढरपुर दर्शन हेतु जितने भी भक्त भगवान विठ्ठल के दर्शन हेतु जाते हैं. बहुत समय तक उनको लाइन में खड़ा होना पड़ता है, तो वहां का नियम है कि रात को पट बंद होने के बाद प्रांगण में झाड़ू लगाया जाता है जहां पूरे भक्त दर्शन के इंतजार में खड़े होते हैं, वहां कि मिट्टी चंद्रभागा नदी के जल से तिलक बनाकर भगवान श्री पंडरी नाथ को तिलक लगाया जाता है. क्योंकि प्रभु को भी कहीं तो भी पीड़ा होती है, कि मेरे भक्त मेरे दर्शन हेतु इतने घंटों तक लाइन में खड़े रहते हैं. कितने बड़े दयालु है प्रभु की अपने भक्तों का किंचित भी दर्द सहन नहीं कर सकते. कार्यक्रम के तहत रात्रि सत्संग 40 दिन अनुष्ठान 9.30 से 11 बजे तक रामपुरी स्थित नानकानी धर्मशाला में किया जाएगा.