यात्री मिलते ही शालेय छात्रा को एसटी बस से नीचे उतारा
गर्ल्स हाईस्कुल की मुख्याध्यापिका ने दर्ज करायी शिकायत
एक छात्रा के पैर में लगी चोट
अमरावती-/दि.6 समीपस्थ मार्डी, यावली, माहुली, परसोडा तथा दीवानखेड जैसे गांवों में रहनेवाली छात्र-छात्राएं अपनी पढाई-लिखाई के लिए रोजाना रापनि बसों में सवार होकर अमरावती आना-जाना करते है. जिन्हें राज्य सरकार द्वारा यात्रा पास उपलब्ध करायी जाती है. ऐसे में संबंधित गांवों के रूटों पर चलनेवाली रापनि बसोें के चालकों व वाहकों की यह जिम्मेदारी है कि, वे इन शालेय छात्र-छात्राओें को सुरक्षित तरीके से उनके गांव से लाना-ले जाना करे. किंतु विगत 1 सितंबर को जब गर्ल्स हाईस्कुल चौक से कुछ शालेय छात्राएं मार्डी की ओर जानेवाली बस में बैठी. जिन्हें थोडा आगे जाकर बस वाहक ने बियाणी चौक में बस से नीचे उतार दिया, क्योंकि बियाणी चौक में इस बस को काफी यात्री मिल गये थे. इसी दौरान हुई हडबडी के चलते एक शालेय छात्रा के पांव में चोट भी लगी. इस पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद गर्ल्स हाईस्कूल की मुख्याध्यापिक रेखा राउत ने बेहद संतप्त होकर इस संदर्भ में राज्य परिवहन निगम को अपना निवेदन सौंपा है.
मिली जानकारी के मुताबिक विगत 1 सितंबर को हमेशा की तरह शाला छूटने के बाद मार्डी रोड की ओर जानेवाली शालेय छात्राएं गर्ल्स हाईस्कूल चौक से रापनि बस क्रमांक एमएच-40/वाय-5013 में सवार हुई और यह बस यहां से मार्डी रोड की ओर आगे बढी, लेकिन बियाणी चौक पर बस में काफी सारे यात्री सवार हुए. जिसके चलते बस चालक व वाहक ने शालेय छात्राओं को इस बस से नीचे उतरने हेतु कहा. इस समय मची हडबडी में बस से नीचे उतरने के दौरान एक शालेय छात्रा के पांव में गंभीर चोट लगी.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर के आसपास स्थित गांवों के कई बच्चे अपनी पढाई-लिखाई के लिए रोजाना अपने गांव से अमरावती आना-जाना करते है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा छात्राओं को नि:शुल्क तथा छात्रों को अत्यल्प शुल्क में रापनि बसों से यात्रा हेतु पास दी जाती है. गर्ल्स हाईस्कूल चौक स्थित कन्या शाला में ही आसपास के ग्रामीण इलाकों की करीब 250 छात्राएं पढती है, जो अपने गांव से अपनी शाला तक आने-जाने हेतु पूरी तरह से रापनि बसों पर निर्भर रहती है. लेकिन कई बार ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए रापनि बसों के वाहकों व चालकों द्वारा अपनी बस को रोका ही नहीं जाता. ऐसे में स्कूल आने-जाने हेतु इन छात्र-छात्राओं को काफी विलंब भी हो जाता है. कई बार तो स्कूल छूटने के बाद घर लौटने हेतु बस स्टैण्ड पर खडी छात्राओं के लिए बस को रूकवाने के लिए शिक्षकों को बस के सामने जाकर प्रयास करना पडता है. ऐसा आरोप शाला की मुख्याध्यापिका रेखा राउत सहित अन्य कुछ शिक्षकों द्वारा लगाया गया है.