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400 क्विंटल की आवक फलबाजार में
अमरावती/दि.28 – ग्रीष्मकाल के प्रांरभ होते ही धीरे धीरे तापमान में भी वृध्दि होने लगी है. गर्मी का पारा 35 से 48 डिग्री के पार जाने के कारण अब गर्मी के चटके लगना प्रारंभ हो गये है. ऐसी तपती गर्मी में शीतलता देनेवाले तरबूज बाजार में आ गये है. अमरावती बाजार में रोजाना 350 से 400 क्विंटल तरबूज की आवक बाजार समिति के फल बाजार में होने लगी है तथा 600 से 1200 रूपये प्रति क्विंटल भाव मिलने लगे है. फिलहाल जिले के आसपास के गांव-देहातों से व मराठवाडा से तरबूजों की आवक होने लगी है.
शुगर क्वीन पहुंचे बाजार में
वर्धा जिले में तरबूज की खेती बडे प्रमाण में होती है. वहां से तथा आंध्रप्रदेश के हल्ला नाम से परिचित तरबूज अब बाजार में नहीं पहुंचे है. मराठवाडा के तरबूज को किरण नाम से जाना जाता है. वहीं शुगर किंग, शुगर क्वीन नामक तरबूज पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर,सातारा व कर्नाटक से आते है. इन तरबूजों की खेती अब जिले के कुछ भागों में होने लगी है. चांदुर बाजार, नांदगांव खंडेश्वर, अचलपुर इन तहसीलों में तरबूज की खेती की जा रही है और वहां से तरबूज बाजारों में आ रहे है. गर्मी बढने के कारण तरबूजों की मांग में वृध्दि होने की जानकारी एक विक्रेता ने दी. थोक बाजार में क्वालिटी के अनुसार तरबूजों को प्रति क्विंटल 600 से 1200 रूपये भाव मिल रहे है. जबकि खुदरा बाजार में 25 से 40 रूपये किलो तरबूज बेचे जा रहे है.
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष तरबूज के भाव अधिक है. किंतु उत्पादन कम है. विगत दो वर्षो में कोरोना संक्रमण के कारण तरबूज की खेती भी कम हुई है. गर्मी बढने के कारण मांग भी बढ गई है. आगामी दिनों में तरबूज की मांग और भी बढेगी. वैसे आवक भी बढने की संभावना है, ऐसा फल विक्रेता मो. हनीफ मो. सत्तार का कहना है.
शुगरवयीन जाति के तरबूजों की अधिक मांग है. बाहर से काले दिखाई देनेवाले किंतु भीतर से लाल रहनेवाले इन तरबूजों का स्वाद भी अत्यंत मीठा होता है. जिसके कारण ग्राहक इन तरबूजों को अधिक पसंद करते है. जैसे-जैसे गर्मी बढेगी वैसे-वैसे मांग भी बढ जायेगी.