अमरावती/दि.12 – स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा स्वयंसेविका व गुटप्रवर्तकों को विगत 4 महिने से मानधन वितरित नहीं हुआ. जिससे इन कर्मचारियों के परिवारों पर भूखमरी की नौबत आयी है. इसलिए आशा सेविका व गुटप्रवर्तकों को तुरंत बकाया मानधन वितरित किया जाए, यह मांग आयटक संगठन द्बारा जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग से की गई है. एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर आयटक ने बकाया मानधन तुरंत वितरित करने की मांग रखी.
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा सेविका व गुटप्रवर्तकों को पहले ही अत्यल्प मानधन मिलता है. समय पर मानधन का वितरण नहीं होता, जिससे कर्मचारियों को पर्यायी काम तलाशने पड रहे है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आशा सेविकाओं से पूर्ण समय काम तो करवा रहे है, लेकिन मानधन वितरण की प्रक्रिया को अनदेखी कर रहे है, यह उचित नहीं है. विगत 24 जून को स्वास्थ्य संचालक ने पत्र जारी कर काम में लापरवाही करने वाली आशा सेविकाओं को काम से कम करने के आदेश जारी किये है, यह आशा सेविकाओं पर अन्याय है, इसलिए संबंधित आदेश पीछे लेने की मांग भी आयटक ने सौंपे निवेदन में की है. इस आंदोलन में आयटक के जिला सचिव प्रफुल्ल देशमुख समेत विधा रामटेके, रेखा मोहोड, सुष्मा रहागंडाले, वनिता कडू, ललिता ठाकरे, वैशाली कडू, उज्वला चौधरी, विठाबाई रघुते, मंदा गंजिवाले, जयश्री देवले, अर्चना चोपडे, नलिनी इंगोले, रेखा रौराले, माला वर्हाडे, भारती दामोदरे, सुजाता गजभियेे, पूनम नाईक समेत असंख्य आशा सेविकाएं शामिल थी.