अमरावतीमहाराष्ट्र

श्री अनंत मंडल में विराजे ‘अष्टादशभुज’ गणेश

अंबागेट के भीतर उमडे दर्शनार्थी

* हूबहू प्रतिमा देख हर कोई हर्षित और अचंभित
अमरावती/दि.10– अंबागेट के अंदर बुधवारा रोड पर स्थित श्री अनंत सार्वजनिक गणेश मंडल द्बारा रामटेक के ‘अष्टादशभुज’ गणेश की प्रतिकृति साकार की गई, तो पहले ही दिन रविवार को वहां श्रद्धालुओं का तांता लगा था. हर कोई मूर्तिकार गजानन सोनसले द्वारा बनाई गई हूबहू प्रतिमा को देख आश्चर्य चकीत और हर्षित नजर आया. सभी ने मूर्ति की अपार प्रशंसा करते हुए मंडल के पदाधिकारियों को अमरावती में ही रामटेक के गणपति के दर्शन उपलब्ध करवाने के लिए मन ही मन धन्यवाद दिया.
* प्रमोद इंगोले का नेतृत्व
स्थापना का 64 वां वर्ष मना रहे अनंत मंडल अध्यक्ष प्रमोद इंगोले, कार्याध्यक्ष संजय बारस्कर, स्वागताध्यक्ष अनुराग काले, उपाध्यक्ष सुनील मोहोड, सचिव मनोहर चौधरी, कोषाध्यक्ष अमर सोनवलकर, सहसचिव अमित शेटे, सहकोषाध्यक्ष संदीप गायकवाड, सभासद प्रसाद काले, अमोल कोल्हे, अजय श्रीवास्तव है. प्रमोद इंगोले के नेतृत्व में रविवार शाम 7 बजे श्री के दर्शन का लोकार्पण किया गया.
* विदर्भ के अष्टविनायक के दर्शन
अनंत मंडल में साल 2017 में कलंब के अष्टविनायक, साल 2018 में नागपुर के टेकडी गणेश, साल 2019 में आदासा स्थित श्री शमी विघ्नेश, साल 2020 में केलझर के सिध्दविनायक , साल 2021 में पौनी स्थित पंचमुखी (सर्वतोभद्र), साल 2022 मेें मेंढा स्थित भृशुंड गणेश, साल 2023 में भद्रावती स्थित वरद विनायक गणपति की प्रतिकृति साकार की गई थी.
* रामटेक गढ परिसर का 5 शतक पुराना मंदिर
इस साल रामटेक के प्रसिध्द अष्टादशभुज श्री गणेश की स्थापना मंडल द्बारा की जायेगी. रामटेक गड परिसर में अष्टादशभुज गणेश का मंदिर 500 वर्ष पुरातन है. शैवल्य पर्वत यानी शम्बुक ऋषि का आश्रम है. यहां अष्टादशभुज गणेश की 5 फीट उंची संगमरमर की अति प्राचीन मूर्ति है. जिसके 16 हाथ है. इन हाथों में अंकुश, पाश, खटवांग, त्रिशूल, परशु मोदक, मोरपंख सहित विविध शस्त्र है. सिर पर नाग और कमर में नागपट्टा है. दायी और बायी बाजू रिध्दी सिध्दी है. शास्त्रपुराण में विघ्नेश्वर नाम से इस मूर्ति का पूजन होता है. शहरवासी अष्टादशभुज श्री गणेश के दर्शन का लाभ ले, ऐसा आवाहन मंडल ने किया है.

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