अमरावती

क्रिकेटर के रुप में चमकने लगी अश्विनी देशमुख

अमरावती की अश्विनी के प्रदर्शन ने लोगों को हैरत में डाला

अमरावती/दि.20 – अमरावती के उच्च शिक्षित इंजीनियर दम्पति ने कुछ हटकर विचार करते हुए अपनी पुत्री को इंजीनिअर अथवा डॉक्टर की बजाय क्रिकेटर बनाने का निर्णय लिया. उल्लेखनीय है कि लड़की ने भी पहली ही स्पर्धा में धमाकेदार प्रदर्शन करके माता-पिता के विश्वास पर खरी उतरी.
क्रिकेट के मैदान पर ‘नया सितारा’ के रूप में देखे जाने वाली यह क्रिकेट खिलाड़ी है अमरावती की अश्विनी देशमुख. अश्विनी के पिता (अजय देशमुख) सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग में अभियंता हैं तथा मां (सुषमा देशमुख) भी शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र में कम्प्यूटर इंजीनिअर है. जिसके कारण स्वाभाविक रूप से पुत्र अनिकेत व पुत्री अश्विनी की ओर से भी यही अपेक्षा थी, किंतु क्रीड़ा प्रेमी रहने वाले पिता ने कुछ अलग ही सोच रखा था. दोनों में से कम से कम एक ने तो भी फिटनेस के उद्देश्य से ही क्यों न हो स्पोर्ट्स में अपना करिअर बनाना चाहिए, ऐसी उनकी दिली इच्छा थी. बड़ा पुत्र अनिकेत कुछ दिन क्रिकेट खेलने के बाद इंजीनिअरिंग की ओर मुड़कर पुणे में सेटल हो गया. पुत्री अश्विनी ने मात्र पिता की इच्छा पूर्ण की. संत गजानन क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षक संदीप गावंडे के मार्गदर्शन में प्राथमिक अभ्यास करने के बाद अश्विनी ने सफलता की एकएक सीढ़ी चढ़ते हुए अल्पावधि में ही राष्टलीय स्तर पर अपना स्थान बनाया. 15 वर्षीय अश्विनी ने बीसीसीआय की ओर से पहली बार ही आयोजित 15 वर्ष से नीचेवाली लड़कियों की एक दिवसीय क्रिकेट स्पर्धा में एक शतक सहित 85.75 के औसत से 343 रन बनाकर विदर्भ को सीधे फायनल में पहुंचा दिया. निर्णायक टक्कर में पराजित होने के कारण विदर्भ का विजेता पद थोड़े से चूक गया. इस स्पर्धा में विदर्भ की ओर से उस ने सर्वाधिक रन बनाए. इसके अलावा संपूर्ण भारत में वह पहली पांच बैटिंग करने वालों में रही. उससे पूर्व संपन्न 19 वर्ष से नीचे एक दिवसीय स्पर्धा में भी उसने 220 रन बनाए. अश्विनी के क्रिकेट जीवन की यह जैसे-तैसे शुरूआत हुई. उसके भीतर छिपे टैलेन्ट को देखते हुए भविष्य में एक दिन निश्चित ही वह महिला आयपीएल उसी प्रकार अंतरराष्टलीय क्रिकेट में अपना झंडा गाड़ेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है.

* ‘मल्टिडेज’ मुकाबले के लिए परफेक्ट है
अश्विनी में खेलपट्टी पर घंटों तक रुकने की व समय आने पर तेजी से रन बनाने की क्षमता है. जिसके कारण मर्यादित षटकों सहित ‘मल्टिडेज’ मुकाबले के लिए वह एकदम परफेक्ट है. उसके भीतर छिपे टैलेंट को देखते हुए वह निश्चित ही अंतरराष्टलीय क्रिकेट अथवा आईपीएल खेल सकती है.
– संदीप गावंडे,
अश्विनी के प्रशिक्षक.

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