सिंभोरा से नई पाईप लाईन के लिए 950 करोड मांगे
जिला अस्पताल इर्विन में 700 बेड का प्रबंध होगा
मेलघाट में शिक्षक व डॉक्टरों के पद रिक्त
डीपीसी बैठक में सांसद नवनीत राणा ने उठाए कई मुद्दे
अमरावती-दि.8 उपमुख्यमंत्री व जिला पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई जिला नियोजन की बैठक में सांसद नवनीत राणा ने जिला विकास और खासकर मेलघाट की समस्याओं को ढंग से उपस्थित किया. उन्होंने जिला सरकारी अस्पताल इर्विन में 300 से बढाकर 700 बेड की व्यवस्था कराने, जिला महिला सरकारी अस्पताल डफरीन के आधुनिकीकरण के लिए 16 करोड रूपए उपलब्ध कराने की मांग की. सिंभोरा डैम से अमरावती शहर तक नई पाईप लाईन और अमरावती शहर में नये जलकुंभों के लिए जलजीवन मिशन अमृत-2 अंतर्गत 950 करोड रूपये उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया.
* चिखलदरा में सिडको को 500 करोड दो
जिलाधीश कार्यालय में स्थित नियोजन भवन में शुक्रवार की दोपहर हुई जिला नियोजन की बैठक में सांसद नवनीत राणा ने डेप्युटी सीएम फडणवीस को बताया कि मेलघाट में शिक्षक और डॉक्टरोें के बडे पैमाने पर पद रिक्त है. कोई सुविधा नहीं होन की वजह से अधिकांश शिक्षक और डॉक्टर मेलघाट में पोस्टिंग नहीं चाहते. जिसके कारण मेलघाट में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी दुष्परिणाम पड रहा है. 50 से 60 प्रतिशत पद रिक्त पडे है. उन्होंने चिखलदरा में स्काईवॉक को जल्द से जल्द साकार करने का भी अनुरोध किया. मेलघाट के 24 गांव में बरसों से छाया अंधेरा दूर करने लिए स्थाई बिजली व्यवस्था करने की मांग की. मेलघाट के सभी गांवों में मुलभूत सेवा सुविधाओं के काम करने का अनुरोध किया. कृषि विभाग में रिक्त पदों का भी मुद्दा उठाया. किसानों को दिवाली के पहले-पहले मुूआवजा राशि उपलब्ध कराने के लिए आवाज बुलंद की. साथ ही चिखलदरा में सिडको प्रकल्प के लिए 500 करोड रूपए देने की मांग की. मेलघाट के 24 गांवों में बिजली संबंधी समस्यां पखवाडे भर के अंदर दूर करने के निर्देश फडणवीस ने तुरंत जिलाधीश को दिये.
* विधायक राणा ने उठाया पुनर्वास का मुद्दा
विधायक रवि राणा ने पेढी प्रकल्प के अंतर्गत पुनर्वास को लेकर पिछले दो वर्षों में कोई काम नहीं हुआ है. वर्ष 2018 में पुनर्वास क्षेत्रों में जो काम हुआ था, उसका बाजा बज गया है. जिससे पुनर्वास क्षेत्रों में दोबारा यह काम करने की नितांत आवश्यकता है. उन्होंने शत-प्रतिशत डूबित क्षेत्र में आ रहे कसारखेडा और सावरखेडा के लिए भी पुर्नवास की व्यवस्था करने को लेकर आवाज बुलंद की. वर्ष 2018-19 में तीर्थक्षेत्र के लिए निधी जारी हुई थी. लेकिन उसके बाद पिछले दो ढाई वर्षों से ना तो निधी आई और ना ही इस दिशा में कोईल काम हो पाया है. छत्री तालाब परिसर के निसर्गरम्य परिसर में नागरिकों को जंगल सफारी के लिए आवश्यक सेवा सुविधा हेतु दो करोड रूपये तत्काल मंजूर किए गए.