* चैरिटी कमिश्नर ने बर्खास्त कर रखी है कार्यकारिणी
अमरावती/दि.8- अस्मिता शिक्षण मंडल का आगामी 10 जून को आयोजित स्वर्ण महोत्सव पूरी तरह गैरकानूनी रहने का दावा अध्यक्ष अनिल करमरकर ने आज दोपहर आयोजित प्रेसवार्ता में किया. उन्होंने इस महोत्सव से दूर रहने की अपील करते हुए मुरलीधर भोंडे और परिवार पर मनमानी व फ्रॉड के आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि भोंडे परिवार के खिलाफ चैरिटी कमिश्नर के पास केस की सुनवाई चल रही है. ऐसे ही राजापेठ थाने में भोंडे पर दफा 420, 464, 467, 469, 471 के तहत केस दर्ज है. फौजदारी जांच का प्रकरण दाखिल किया गया है. धर्मदाय आयुक्त ने इसमें भी नोटीस दी है. करमरकर ने दावा किया कि भोंडे और उनके सहयोगियों का संस्था में केवल कुछ दिनों का अस्तित्व बचा है. इसके बाद धर्मदाय आयुक्त का फैसला आने पर भोंडे को संस्था का कार्यभार उन्हें अर्थात करकमरकर को हस्तांतरित करना पड़ेगा.
*1971 में हुई स्थापना
अनिल करमरकर ने बताया कि अस्मिता शिक्षा मंडल की स्थापना 1971 में मराठे और देशपांडे ने की थी. वा.रा. मराठे संस्था के संस्थापक और पहले अध्यक्ष थे. मुरलीधर भोंडे संस्थापक अध्यक्ष नहीं हैं. करमरकर ने पत्रिका में भोंडे का नाम संस्थापक अध्यक्ष के रुप में प्रकाशित करने पर भी ऐतराज जताया और कहा कि यह सरासर झूठ है. समाज को गुमराह करने का प्रयत्न है. उन्होंने लोगों से 10 जून के महोत्सव से दूर रहने की अपील भी की.
करमरकर ने दावा किया कि स्वर्ण महोत्सव समापन समारोह की पत्रिका में वर्तमान अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों के नाम नहीं है. महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट की धारा 41 अ के अनुसार मुरलीधर भोंडे और उनके परिवार के मुकूल भोंडे तथा मीनल ठाकरे के विरुद्ध सहधर्मदाय आयुक्त के पास कार्रवाई शुरु है. पिछली कार्यकारिणी ने इन तीनों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित कर और संस्था की आमसभा ने उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर संस्था से निकाल बाहर किया था. उन्होंने मुरलीधर भोंडे पर 32 सदस्यों के जाली हस्ताक्षर कर चैरिटी कमिश्नर के पास प्रतिज्ञा पत्र प्रस्तुत करने का भी आरोप किया. पत्रकार वार्ता में सचिव सचिन सावरकर, सहसचिव डॉ. सावन देशमुख, सदस्य रमेश सावरकर, माणिक देशमुख उपस्थित थे.