अमरावतीमहाराष्ट्र

अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा की सरगर्मियां तेज

होगा भारी घमासान, राजनीतिक दल जुटे तैयारी में

चांदूर बाजार/दि.24-पिछले दिनों देश भर में लोकसभा चुनाव का घमासान चला. अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने जीत का ताज महाविकास आघाडी के बलवंत वानखडे को पहनाया. इस चुनाव में महायुति की उम्मीदवार नवनीत राणा पराजित हुई, जबकी विधायक बच्चू कडू के प्रहार पक्ष के उम्मीदवार दिनेश बूब तिसरे स्थान पर रहे. अब लोकसभा चुनाव के खत्म होते ही विधानसभा चुनाव का रंग चढने लगा है. इसी साल होनेवाले विधानसभा चुनाव के लिये राजनीतिक पार्टियां व दल कमर कसते दिखाई दे रहे है. अचलपूर विधानसभा क्षेत्र का विधानसभा चुनाव हमेशा से ही समुचे राज्य में काफी रोचक रहा हैं. यह क्षेत्र राजनीतिक दिग्गजो की भूमी कहलाता हैं.

विगत 20 वर्षों से इस विधानसभा सीट पर निर्दलिय रूप से विधायक बचू कडू का राज रहा हैं. उन्होंने अपने पहले चुनाव में पूर्व राज्यमंंत्री वसुधा देशमुख, विनायकराव कोरडे जैसे दिग्गजो को पराजित किया था. 2009 मे फिर से उन्होने इन दोनो दिग्गजों को फिर पराजित कर अपना लोहा मनवाया. उसके बाद बबलू देशमुख, मोदी लहर, जैसे चुनौतियों को पार कर जीत हासिल की. लेकिन बदलते समिकरण के साथ इस बार का चुनाव चुनौतियों से भरापूरा रहने की आशंका व्यक्त की जा रही हैं. इस बार काँग्रेस से फिर से बबलू देशमुख का नाम सुर्खियो में चल रहा हैं. जबकी भाजपा की ओर से प्रविण तायडे का नाम सुर्खियां बटोर रहा हैं. वहीं विद्यमान विधायक बच्चू कडू ने फिर से अपने पक्ष के चिह्न पर चुनाव लढने का ऐलान कर दिया है. इसी के साथ-साथ लोकविकास संघटना गोपाल भालेराव, अचलपुर के साजीद फुलारी, पूर्व नगराध्यक्ष अरूण वानखडे, पूर्व नगराध्यक्षा सुनिता फिस्के, इनके नामों की चर्चा भी क्षेत्र में तुल पकडते जा रही हैं.
कुल मिलाकर त्रिकोणीय मुकाबला इस बार इस निर्वाचन क्षेत्र में होने की आशंका मतदाताओं द्वारा की जा रही हैं. विधायक बच्चू कडू द्वारा लोकसभा चुनाव में किये गये योगदान का नतीजा क्या उनके पक्ष में रहेगा ? या उनके खिलाफ ? यह देखना दिलचस्प होगा. इसी तरह राणा दम्पत्ति और उनके बीच चल रहे घमासान का इतना असर इस चुनाव पर पडेगा यह भी देखना रोचक होगा. वहीं पिछले चुनाव मेें विधायक बच्चू कडू को कांटे की टक्कर देनेवाले बबलु देशमुख इस बार कौनसी नीति अपनाते है, इस ओर सबकी नजरें लगी हुयी है. हालही में लोकसभा सीट पर निर्वाचित हुये महाविकास आघाडी के बलवंत वानखडे को अचलपूर निर्वाचन क्षेत्र से 83412 वोट मिले, जबकि महायुति की नवनीत राणा को 76619, तो वहीं प्रहार के उम्मेदवार दिनेश बुब को 27357 वोट प्राप्त हुए. इस समिकरण केा देखा जाये तो कांग्रेस का पगडा यहां भारी दिखाई दिया.

* क्या विधानसभा चुनाव में इसी समिकरण को मतदाता दोहराते है या नही?
बहरहाल यह कहना गलत नही होगा कि, बदलते राजनीतिक समिकरण और दांवपेच के साथ-साथ हालात और हवायें बदलती रहती हैं. लेकिन फिर भी यहां तो यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि, इस बार राजनीतिक दिग्गजों के बीच जमकर दांवपेच का सिलसिला चलेगा. हवाओं का रूख कब किसकी ओर बदलेगा यह तस्वीर अभी फिलहाल स्पष्ट होती दिखाई नहीं दे रही हैं.

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