अमरावती

पारंपारिक पध्दति से ली जाये सिनेट की सभा

नूटा सहित कई सदस्यों ने उठायी मांग

अमरावती/दि.24 – आगामी 29 तारीख को संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की सिनेट सभा ऑनलाईन पध्दति से होने जा रहीं है. जिसके चलते नूटा सहित अन्य सदस्यों ने सिनेट सभा को पारंपारिक पध्दति से लिये जाने की मांग की है और इस संदर्भ में कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर को ज्ञापन भी सौंपा गया है.
बता देें कि, कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए संगाबा अमरावती विवि की सिनेट सभा ऑनलाईन पध्दति से लिये जाने की बात कुलगुरू डॉ. चांदेकर ने इससे पहले ही स्पष्ट कर दी थी. साथ ही कहा था कि, जिलाधीश के निर्देशानुसार ही यह सभा ऑनलाईन आयोजीत की जा रही है. किंतु इसका नूटा सहित अन्य सिनेट सदस्योें द्वारा विरोध किया जा रहा है. जिसके तहत मांग की गई है कि, यह सभा झूम मिटींग ऍप के जरिये न लेते हुए पारंपारिक पध्दति से ली जाये. इस संदर्भ में कुलगुरू को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि, 18 सितंबर 2020 को राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये आदेश के अनुसार सभी विद्यापीठीय व महाविद्यालयीन शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को अपने-अपने काम पर प्रत्यक्ष उपस्थित रहना अनिवार्य है और कोरोना से संबंधित सभी आवश्यक प्रोटोकॉल व सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करते हुए विद्यापीठ व महाविद्यालय में रोजाना शत-प्रतिशत उपस्थिति भी संभव है. ऐसे में विद्यापीठ में भी सभी नियमों का पालन करते हुए एक दिवसीय अधिसभा भी बडी आसानी के साथ आयोजीत की जा सकती है.
इस ज्ञापन में यह भी कहा गया कि, अब लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद तथा महानगर पालिका सहित सभी स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में सभाओें का कार्य नियमन सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करते हुए पारंपारिक पध्दति से हो रहा है, तो मात्र 65 सदस्यों वाली सिनेट की सभा भी कुलगुरू द्वारा इच्छाशक्ति दिखाये जाने पर सहज ढंग से ऑफलाईन हो सकती है. इसके साथ ही इस ज्ञापन में कहा गया कि, विद्यापीठ में सिनेट सर्वोच्च सभागृह है. जिसकी साल में केवल दो बार बैठक होती है. जिसके जरिये सिनेट सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों एवं स्नातकों से संबंधित मसलों व समस्याओं को उठाने का अवसर मिलता है. कोविड संक्रमण काल के दौरान महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के कई मसले विद्यापीठ व विद्यापीठीय परीक्षा से संबंधित है. जिन पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों के हितों में निर्णय लेना अधिसभा में ही संभव होता है. प्रत्यक्ष पारंपारिक सभा में जिस तरह से चर्चा व समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है, वह आभासी यानी ऑनलाईन सभा में संभव नहीं होता. इस समय राज्य सरकार द्वारा मिशन बिगेन अगेन के तहत अंतरजिला प्रवेश हेतु ई-पास की शर्त को भी खारिज कर दिया गया है. जिसके चलते विद्यापीठ के कार्यक्षेत्र में आनेवाले विभिन्न जिलों के सिनेट सदस्य पारंपारिक तरीके से आयोजीत की जानेवाली अधिसभा में हिस्सा लेने हेतु उपस्थित रह सकते है और उन्हें इस अधिसभा में उपस्थित रहते हुए समस्याओं पर चर्चा करते हुए कार्यपूर्ति का समाधान मिल सकता है.
ज्ञापन सौंपते समय नूटा के अध्यक्ष प्रा. डॉ. प्रवीण रघुवंशी, डॉ. अर्चना बोबडे, डॉ. विजय कापसे, डॉ. दिलीप कडू, प्रा. डॉ. सरबाते, डॉ. वी. एम. मेटकर, प्रा. डॉ. गावंडे, डॉ. रविंद्र मुंदरे व डॉ. बी. आर. वाघमारे आदि उपस्थित थे.

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