* गंभीर किस्म के 20 इलाज हेतु योजना लागू
अमरावती/दि.20- इन दिनों चिकित्सा और इलाज पर होने वाला खर्च काफी अधिक बढ गया है और गंभीर स्वरुप की बीमारियों पर औषधोपचार या शल्यक्रीया करवाना सर्वसामान्यों के लिए काफी मुश्किल हो चला हैं. वहीं महाविकास आघाडी सरकार ने मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता कक्ष को बंद करवा दिया था. जिसकी वजह से सर्वसामान्य वर्ग की मुश्किलें और भी अधिक बढ गई थी. परंतु अब महाविकास आघाडी सरकार व्दारा बंद किए गए मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता कक्ष को शिंदे-फडणवीस सरकार ेने पुन: शुरु किया है. जिसके जरिए जरुरतमंदों को इलाज के लिए 3 लाख रुपए तक सहायता प्रदान की जाती हैं. ऐसे में अब गरीब एवं जरुरमंद मरीजों के लिए भी गंभीर बीमारियों का इलाज एवं औषधोपचार करवाना संभव हो गया हैं.
* किसे मिलती है सहायता
महात्मा फुले जन आरोग्य योजना व प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ नहीं मिलने वाले नागरिकों को सीएम सहायता कक्ष से 20 गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज हेतु सहायता प्रदान की जाती हैं.
* कौन से दस्तावेज हैं आवश्यक
सीएम सहायता कक्ष में निर्धारित प्रारुप के तहत आवेदन, इलाज व औषधोपचार हेतु लगने वाले वैद्यकीय खर्च के प्रमाणपत्र, 1 लाख 60 हजार रुपए से कम आय रहने का प्रमाणपत्र, आधारकार्ड, राशन कार्ड तथा हादसा घटित होने की स्थिति में आवश्यक वैद्यकीय दस्तावेज के साथ आवेदन करना होता हैं.
* ऑनलाइन आवेदन करने की भी सुविधा
मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता कक्ष से इलाज के लिए आर्थिक मदद प्राप्त करने हेतु इससे पहले ऑफलाइन आवेदन करना पडता था, लेकिन अब ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई हैं.
* किस-किस इलाज के लिए मिलती है मदद
हृदयरोग, मेंदूरोग, किडनी प्रत्यारोपण, लीवर प्रत्यारोपण, कैंसर, डायलसिस, हृदयप्रत्यारोपण जैसी विविध 20 तरह की बीमारियों का इलाज करने हेतु सीएम वैद्यकीय सहायता कक्ष से आर्थिक मदद प्राप्त होती है.
* 3 लाख रुपए तक मदद
1 लाख 60 हजार से कम वार्षिक आय रहनेवाले मरीजों को इलाज के लिए मुख्यमंत्री सहायता कक्ष से 3 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद दी जात हैं.
प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद 15 दिन के भीतर सभी आवश्यक पूर्तता करते हुए, मुख्यमंत्री सहायता कक्ष व्दारा सहायता की राशि सीधे संबंधित अस्पताल के बैंक खाते में जमा कराई जाती हैं. विगत 5 माह के दौरान प्राप्त सभी प्रस्तावों को मंजूर कर आवेदक लाभार्थियों को इसका लाभ दिया गया हैं.
– डॉ. सुनील वाठोरे,
जिला समन्वयक