वन्य प्राणियों के हमले में मौत होने पर 25 लाख तक सहायता!
मेलघाट के धारणी-चिखलदरा परिसर में होते हैं वन्य प्राणियों के जानलेवा हमले
अमरावती/दि.9– बाघ, तेंदुआ, भालू, जंगली सूअर, हाथी, जंगली गाय, लोमडी, बंदर आदि प्राणियों के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उस व्यक्ति के वारिस को 25 लाख की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है. इसी तरह वन्य प्राणियों के हमले में दिव्यांगता आने पर पीडित व्यक्ति को साढे सात लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाने वाली है.
वन विभाग के परिक्षेत्र में स्थित मेलघाट के धारणी-चिखलदरा तहसील से सटे अचलपुर, परतवाडा, वरुड और चांदूर रेलवे मार्ग पर पोहरा व वडाली परिसर के ग्रामीण और बहुल इलाकों के नागरिकों पर वन्यप्राणियों ने जानलेवा हमला किया रहने की घटना अनेक घटित हुई है. वन्यप्राणियों के हमले में हमेशा के लिए दिव्यांगता आने पर 7 लाख 50 हजार रुपए और गंभीर रुप से घायल होने पर 5 लाख तथा मामूली रुप से घायल होने पर औषधोपचार के लिए 50 हजार रुपए तक खर्च दिया जानेवाला है. राज्य शासन की तरफ से वन्यप्राणियों के हमले के पीडित व्यक्ति अथवा मृतकों के वारीस को आर्थिक सहायता मंजूर होने के बाद 30 दिनों में नुकसार भरपाई दी जाने वाली है. साथ ही यह रकम देने में लापरवाही होने पर उस रकम पर ब्याज भी मिलने वाला है. राज्य सरकार की तरफ से वन्य प्राणियों के हमले में किसी की जान जाने पर 25 लाख रुपए आर्थिक सहायता के तौर पर उनके वारिस को दी जाने वाली है.
* फसलों का नुकसान होने पर भी मिलती है सहायता?
वन विभाग की तरफ से वन्यप्राणियों के हमले में मृत व्यक्ति के वारिसों को आर्थिक स्वरुप में सहायता दी जाती है. साथ ही जख्मी को भी उपचार के लिए आर्थिक सहायता की जाती है. इसके अलावा फसलों का नुकसान होने पर पंचनामा के बाद आर्थिक सहायता की जाती है.
* ऐसी मिलती है सहायता
वन्यप्राणियों के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके वारिस को निधि देते समय शुरुआत में 10 लाख रुपए दिए जाने वाले है. इसके अलावा शेष रकम में से 10 लाख रुपए की वारिस के नाम एफडी की जाने वाली है. इसके अलावा 5 लाख रुपए 10 साल के लिए एफडी में निवेश किए जाने वाले है. इसके अलावा कोई व्यक्ति मामूली रुप से घायल हुआ तो उसे निजी अस्पताल में उपचार की आवश्यकता रही तो उसे 50 हजार की आर्थिक सहायता की जाने वाली है.