शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सेवांतर्गत आश्वासित प्रगती योजना लागू
विद्यापीठ शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ की दूसरी बडी सफलता
* उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने किया अपना वचन पूरा
अमरावती/दि.3 – राज्य के सभी विद्यापीठीय व महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण व बहु प्रतिक्षित रहने वाली सेवांतर्गत संशोधित आश्वासित प्रगती योजना का सरकारी निर्णय 31 मई को उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग द्बारा जारी किया गया. जिसके चलते राज्य के सभी महाविद्यालयों व विद्यापीठों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को राज्य सरकार की ओर से काफी बडी राहत दी गई है. साथ ही इस फैसले को जारी करने के साथ ही राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संदर्भ में अपने द्बारा दिए गए वचन को पूरा किया है.
बता दें कि, राज्य में जिला परिषद व अन्य सरकारी आस्थापनाओं के कर्मचारियों को 12 व 24 वर्ष की नियमित सेवा के बाद समयबद्ध पदोन्नति लागू की गई. विद्यापीठीय व महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को इसी तर्ज पर यह योजना चौथे व पांचवें वेतन आयोग में लागू की गई थी. उसके पश्चात छठवें वेतन आयोग में इस योजना का नाम व स्वरुप बदलकर उसे सेवांतर्गत आश्वासित प्रगती योजना के नाम से राज्य के सरकारी कर्मचारियों को लागू किया गया. सरकारी निर्णयानुसार यह योजना राज्य में कृषि विद्यापीठों व संलग्न महाविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को जस की तस लागू की गई. परंतु वित्त विभाग की पूर्व मान्यता नहीं लिए जाने का कारण बताते हुए सरकार ने इस योजना को 5 वर्ष पहले पूर्व लक्षीय प्रभाव से रद्द कर दिया और कर्मचारियों का एक तरह से संकट टूट पडा. ऐसे में इस फैसले के खिलाफ कुछ कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. जिसका फैसला सरकार के पक्ष में लगने से सरकार ने कर्मचारियों के वेतन से काफी बडी कटौती करने का आदेश जारी किया. जिससे संतप्त राज्य भर के कर्मचारियों ने पूरे राज्य में कामबंद आंदोलन करना शुरु किया था.
* डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने की थी मध्यस्थता
सेवांतर्गत आश्वासित प्रगती योजना को दोबारा लागू करने की मांग को लेकर विद्यापीठ व महाविद्यालय को शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की संयुक्त कृति समिति ने 2 फरवरी 2023 से पूरे राज्य में कामबंद आंदोलन शुरु किया था. जिसकी तत्काल दखल लेते हुए डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने कृति समिति के प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा करते हुए इस योजना को पूर्ववत लागू करना मान्य किया था. जिसके अनुसार यह योजना पहले की तरह लागू करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया.
* विद्यापीठीय शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 58 महिने की बकाया राशि मिलने के सकारात्मक निर्णय पश्चात सामूहिक प्रयासों के चलते यह दूसरी सफलता मिली है. संयुक्त कृति समिति का नेतृत्व करने के साथ ही सफलता प्राप्त करने का समाधान भी है. महासंघ के पूर्व अध्यक्ष स्व. रमेश शिंदे द्बारा शुरु किए गए संघर्ष को सभी लोगों के सहयोग से सफलता मिली है. इसका भी समाधान है.
– अजय देशमुख,
अध्यक्ष, महाराष्ट्र विद्यापीठ कर्मचारी संघ