गाज न गिरने जिले में कितने स्थानो पर बैठाए बिजलीरोधक यंत्र?
मानसून में जीवितहानी टालने आपदा व्यवस्थापन यंत्रणा सुसज्ज
अमरावती/दि.25– मानसून शुरु होते ही अनेक स्थानो पर गाज गिरने से जीवितहानी होने की संभावना अधिक रहती है. इस कारण आपदा व्यवस्थापन की तरफ से हर वर्ष इस जीवितहानी को टालने के लिए नागरिको में जनजागरण तथा गाज न गिरने के लिए बिजलीरोधक यंत्र भी बैठाए जाते है. जिले की 12 शासकीय इमारत तथा 450 मोबाईल टॉवर पर यह यंत्र बैठाने की जानकारी आपदा व्यवस्थापन परिषद ने दी है.
जिले में 2003 में 6 लोगो की गाज गिरने मृत्यु होने की जानकारी आपदा व्यवस्थापन प्रशासन द्वारा दर्ज की गई है. मानसून में अधिक प्रमाण में बारिश हुई अथवा बादल फटने पर तत्काल संबंधित इलाको में सहायता पहुंचाने का काम आपदा व्यवस्थापन करता है. साथ ही बाढ में अटके नागरिको के बचाव कार्य में भी आपदा व्यवस्थापन दल नागरिकोे की सहायता के लिए दौडता है. मानसून में गाज गिरने से जीवितहानी न होने के लिए भी प्रशासन सुसज्ज है. बारिश के दिनों में निर्माण होनेवाले विविध आपातकालिन संकट के समय आपदा व्यवस्थापन कक्ष सहायता के लिए दौडता है. इस निमित्त आगामी मानसून के दिनों को ध्यान में रखते हुए वह सतर्क है.
* दो किमी परिसर में नही गिरती गाज
जिस परिसर में बिजलीरोधक यंत्रणा कार्यान्वित की गई है. उस परिसर में कम से कम दो किलोमीटर दूरी तक गाज गिरने का खतरा नहीं रहता.
* बिजलीरोधक यंत्र यानि क्या?
मानसून में गिरनेवाली गाज रोकने के लिए यंत्रणा कार्यान्वित की जाती है. जिन स्थानो पर यंत्र बैठाए गए है. उस परिसर में गाज गिरने का खतरा कम रहता है. जिले में कुछ स्थानो पर यह यंत्रणा बैठाई गई है.
* जिले में 462 स्थानो पर यंत्र
जानकारी के मुताबिक जिले में लोकनिर्माण विभाग की तरफ से 12 शासकीय कार्यालयो पर बिजली यंत्रणा बैठाई गई है. साथ ही बीएसएनएल विभाग की तरफ से 450 फोन टॉवर पर यंत्र बैठाए गए है.
* मानसून में नागरिक बरते सावधानी
मानसून में गाज गिरने की घटना घटित होती रहती है. ऐसे समय नागरिको द्वारा घर के बाहर निकलना नहीं चाहिए. बिजली की कडकडाहट होती रहते नागरिक बाहर रहने पर पैर के अलावा शरीर का कोई भी भाग जमीन को स्पर्श न होने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.