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* मयूर की वापसी के बावजूद कई सवाल अनुत्तरित
अमरावती/दि.20– विगत 3 नवंबर को अपने घर से अचानक लापता हुआ मयूर झांबानी आखिरकार परसो शनिवार को 15 दिन पश्चात अपने घर पर सकुशल लौट आया. मयूर को पुलिस पुणे से लेकर रायपुर तक खोज रही थी. वहीं मयूर की वापसी दिल्ली से हुई और अब पता चला है कि मयूर न तो पुणे गया था और न ही रायपुर पहुंचा था. बल्कि पुणे जानेवाली ट्रेन में सवार होने के बाद मयूर झांबानी ने मडमाड रेलवे स्टेशन पर उतरकर वहां से पंजाब होते हुए दिल्ली का रास्ता पकड लिया था और वह विगत 15 दिनों से दिल्ली में ही था. साथ ही अपना हमेशा वाला मोबाइल फोन अमरावती में छोडकर निकले मयूर झांबानी ने मनमाड रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद खुद अपने ही आधारकाड्र के जरिए एयरटेल कंपनी का नया सीम और 4 हजार रूपए मूल्य का नया सादा फोन खरीदा था. जिसके जरिए वह अपने परिजनों सहित अपने बेहद खास जान पहचानवाले लोगों के संपर्क में भी था. विशेष उल्लेखनीय है कि मयूर झांबानी को लेकर प्रकाशित खबर में दैनिक अमरावती मंडल ने पहले ही यह अनुमान जता दिया था कि मयूर झांबानी के पास कोई न कोई फोन जरूर है.
बता दे कि स्थानीय बायपास रोड स्थित बगिया रेस्टॉरेंट व फरशी स्टॉप चौक स्थित पेट्रोल पंप के संचालक मयूर राजूमल झांबानी की गुमशुदगी को लेकर 4 नवंबर की दोपहर उसके चचेरेभाई मनीष झांबानी द्बारा बडनेरा रेलवे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
जिसमें बताया गया था कि 2 व 3 नवंबर की दरमियानी रात मयूर झांबानी अपने एक दोस्त के साथ बडनेरा रेलवे स्टेशन पहुंचा था और तडके 3.45 बजे पुणे जानेवाली ट्रेन में रवाना हुआ था. लेकिन वह पुणे पहुंचा ही नहीं. शिकायत में यह भी बताया गया था कि किसी को कुछ बताए बिना अपने घर से चले जानेवाले मयूर झांबानी ने अपना मोबाइल फोन अपनी कार में ही छोड दिया था तथा वह रेस्टॉरेंट में हुई दिनभर की ग्राहकी के जरिए जमा हुए 40-45 हजार रूपए अपने साथ लेकर गया था. जिसके चलते बडनेरा आरपीएफ ने मामला दर्ज करते हुए मयूर झांबानी को तलाश करनी शुरू की थी. वहीं दूसरी ओर इस बात को लेकर भी हैरत जताई जाने लगी थी. झांबानी परिवार द्बारा मयूर की गुमशुदगी को लेकर कोई इत्तिला नहीं दी गई थी. इसके साथ ही छन-छनकर यह खबर भी सामने आयी थी. शायद मनीष झांबानी ने 1 से 3 नवंबर के दौरान वर्ल्ड कप में चल रही क्रिकेट मैचों पर जमकर सट्टा लगाया था और वह करीब दो से ढाई करोड रूपए का दाव हार गया था. ऐसे में अमरावती शहर पुलिस ने भी अपनी ओर से अपने स्तर पर मामले की जांच पडताल करनी शुरू कर दी थी. इस दौरान बडनेरा रेलवे का दल मयूर की तलाश में नागपुर से लेकर रायपुर तक जाकर आया. परंतु मयूर का कहीं कोई अता-पता नहीं चला.
साथ ही अब अचानक ही यह जानकारी सामने आयी है कि मयूर झांबानी खुद ही 18 नवंबर को अपने घर लौट आया है. जिसकी जानकारी मिलते ही बडनेरा रेलवे पुलिस ने मयूर झांबानी से पूछताछ की तो मयूर ने पुलिस के सामने बडे आत्मविश्वास के साथ बयान दर्ज करते हुए बताया कि घर पर अक्सर ही उसकी मां और उसकी पत्नी का झगडा हुआ करता था, जिससे वह काफी परेशान रहा करता था. इस बारे में उसने अपने परिवार वालों और ससुरालियों से भी कई बार बात की थी. परंतु जिसका कोई फायदा नहीं हुआ. वहीं बगिया रेस्टॉरेंट के व्यवसाय में भी उसे अच्छा खासा घाटा उठाना पड रहा था तथा पेट्रोल पंप पर अच्छी खासी ग्राहकी रहने के चलते उसे लगभग रोजाना ही पेट्रोल और डीजल की खरीदी हेतु एंडवांस पेमेंट की व्यवस्था करनी पडती थी. इन सारी बातों से वह तंग आ गया था और उसने 10-12 दिनों के लिए कहीं दूर अकेले निकल जाने का फैसला किया था. इसी के तहत उसने 2-3 नवंबर दरमियानी रात अपने एक दोस्त को अपने होटल पर बुलाया था तथा उसे अपनी ही कार से बडनेरा रेलवे स्टेशन छोड देने हेतु कहा था. जहां से वह ट्रेन पकडकर पुणे की ओर चला गया था. जाने से पहले उसने अपनी होटल की चांबिया तथा सभी मोबाइल फोन अपनी कार में छोड दिए थे और दोस्त को कार वापिस ले जाने हेतु कहा था.
* मयूर के बयान में दिखाई दे रहे कई ‘झोल’
भले ही मयूर झांबानी ने बडनेरा रेलवे पुलिस के सामने बडे आत्मविश्वास के साथ बयान दर्ज करते हुए अपनी गुमशुदगी के पीछे पारिवारिक वजह रहने की बात कहीं है. परंतु दबे स्वरों में चल रही चर्चा के मुताबिक मयूर झांबानी अपने पारिवारिक झगडे की वजह से नहीं बल्कि क्रिकेट सट्टे में पैसा हार जाने के चलते बुकियों द्बारा पैसों की वसूली हेतु किए जानेवाले तगादे से बचने के लिए अमरावती से भागा था तथा कथित गुमशुदगी के दौरान भी वह अपने नये मोबाइल व सीमकार्ड के जरिए अपने परिवार के संपर्क में था. जिसकी वजह से परिवार में मनीष की गुमशुदगी को लेकर उस तरह के तनाव व चिंता वाला माहौल नहीं था, जैसा अमूमन किसी परिवार में किसी जवान बेटे की गुमशुदगी को लेकर रहता है. वही दूसरी ओर मयूर के मुताबिक अमरावती से निकलते समय उसके पास करीब 35 हजार रूपए थे. इन्ही रूययों में से मयूर ने नया मोबाइल व सीमकार्ड खरीदा साथ ही बडनेरा से मनमाड और वहां से पंजाब होते हुए दिल्ली तक आने जाने का किराया भी खर्च किया तथा इन्हीं पैसों के दम पर वह 15 दिन तक दिल्ली में रूका रहा. जो कि लगभग नामुमकिन जान पडता है, ऐसे में अंदेशा है कि संभवत: मयूर को किसी न किसी के हवाले से 15 दिनों के खर्च हेतु अतिरिक्त रकम भी मुहैया कराई गई. इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस द्बारा मयूर के मोबाइल सहित उसके परिजनों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को खंगालने के साथ ही उनके बैंक एकाउंट डिटेल को भी खंगाला जा रहा है.
* मयूर के पिता ने किया बुकियों से सैटलमेंट
जानकारी यह भी सामने आयी है कि सट्टा व्यवसाय को लेकर गहरी जानकारी और मजबूत पकड रखनेवाले मयूर के पिता राजूमल झांबानी ने अपने बेटे की कथित गुमशुदगी के बाद उसके उपर रकम बकाया रखनेवाले बुकियों की बगिया रेस्टॉरेंट में बैठक बुलाई थी और ढाई से तीन करोड रूपयों की रकम सैटलमेंट एक से सवा करोड रूपयोे के आसपास किया गया. सैटलमेंट की यह डील फाइनल होते ही 15 दिनों से लापता रहनेवाला और इस दौरान पुलिस की पकड में नहीं आनेवाला मयूर झांबानी अचानक ही बडे आराम से अपने घर लौट आया.
* जीत की रकम गडप, हार गये तो हाथ उपर
जानकारी यह भी मिली है कि अक्सर ही क्रिकेट पर सट्टा लगाने का शौक रखनेवाले मयूर झांबानी ने इससे पहले और जारी वर्ल्ड कप के दौरान कई क्रिकेट मैचों पर बडे-बडे दांव जीते भी है और जीत की रकम बुकियों से हासिल की. लेकिन 1 से 3 नवंबर के दौरान हुई मैचों पर जैसे ही मयूर झांबानी बडे-बडे दांव हार गया तो ‘खानदानी’ आदत के अनुरूप मयूर झांबानी ने हाथ खडे कर दिए और बुकियों द्बारा उस पर पैसों की वसूली हेतु दबाव न डाला जा सके. इसके लिए उसने अचानक ही लापता होकर बुकियों पर ही जबर्दस्त प्रेशर बना दिया ताकि बुकियों द्बारा उसके पीछे हारी गई रकम की वसूली हेतु तगादा न लगाया जाए.
* मयूर के पिता ने मानी थी क्रिकेट सट्टेवाली बात
उल्लेखनीय है कि मयूर झांबानी जिस समय लापता था और जब उसकी हर ओर तलाश चल रही थी तब उसके पिता राजूमल झांबानी ने स्पष्ट रूप से यह स्वीकार किया था कि मयूर झांबानी क्रिकेट सट्टे में अच्छा खासा पैसा हार गया है और इसी वजह के चलते उसने अपना घर छोडा है. वहीं अब घर लौटने के बाद मयूर झांबानी क्रिकेट सट्टेवाली बात पर गोलमोल जवाब देते हुए पारिवारिक विवाद की वजह से घर छोडकर जाने की बात कह रहा है. जिसके चलते पूरे मामले को लेकर संदेह गहरा रहा है, जिसकी पुलिस द्बारा जांच की जा रही है.