अमरावतीमहाराष्ट्र

आखिरकार मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय का मार्ग खुला

मंत्रिमंडल ने दी जगह को मंजूरी

* सांसद डॉ. अनिल बोंडे के प्रयासो को सफलता
मोर्शी/दि.7– स्थानीय शासकीय मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय का मार्ग आखिरकार खुल गया है. सांसद डॉ. अनिल बोंडे के प्रयासो से मंत्रिमंडल ने महाविद्यालय की प्रस्तावित जगह को मंजूरी दी है.
पश्चिम विदर्भ का नल-दमयंती सागर अथवा अप्पर वर्धा यह सबसे बडा जलाशय अमरावती जिले के मोर्शी शहर के निकट रहने से यहां भरपूर मात्रा में नैसर्गिक संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए पूर्व कृषि मंत्री तथा वर्तमान राज्यसभा सदस्य सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने 2019 में शासकीय मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय मंजूर कर लिया था. बाद में महाविद्यालय की नियोजित जगह सहित तकनीकी दुविधा में अटके इस मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय को आखिरकार मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखाई. इस कारण आगामी शैक्षणिक वर्ष से मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय शुरु होने की संभावना है. मोर्शी के निकट नैसर्गिक संसाधनों की उपलब्धता व अप्पर वर्धा यह सबसे बडा जल प्रकल्प रहने से यहां शासकीय मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय साकार किया तो विविध बातों को गति मिलेगी, यह संकल्पना डॉ. अनिल बोंडे ने रखी थी. इसके मुताबिक तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 8 मार्च 2019 को अप्पर वर्धा के निकट पारडी में मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय शुरु करने को मंजूरी दी थी. लेकिन यहां की जगह महाविद्यालय के लिए उपयुक्त न रहने की बात विशेषज्ञों के ध्यान में आई थी. इस कारण शासन की तरफ से दूसरी जगह तलाशने के लिए और विविध प्रशासकीय प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए देरी होने से 2019 से मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय शुरु नहीं हो पाया. इस बात को ध्यान में रखते हुए डॉ. अनिल बोंडे ने लगातार इस प्रश्न को शासन स्तर पर हल करने के प्रयास जारी रखे थे. आखिरकार जगह का प्रश्न हल हो गया है. पारडी में मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के लिए तथा महाविद्यालय के शासकीय कार्यालय के लिए मोर्शी शहर के जलसंपदा वसाहत की जगह निश्चित की गई है. विद्यार्थियों के प्रात्यक्षिक के लिए बांध के निकट सिंभोरा के राष्ट्रीय मत्स्य बीज केंद्र की जगह नागपुर के महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान विद्यापीठ को दी जाएगी, ऐसा भी मंत्रिमंडल की बैठक में स्पष्ट किया गया है. मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के पदों के लिए 31 करोड 48 लाख रुपए खर्च आनेवाला है. इसके अलावा निर्माण, फर्नीचर, वाहन खरीदी के लिए 171 करोड 6 लाख रुपए खर्च अपेक्षित रहने से इस संदर्भ का प्रावधान भी शासन द्वारा किया जाएगा.

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