अमरावती

फिलहाल ग्रापं चुनाव में राजनीतिक दलों का हस्तक्षेप नहीं

आचारसंहिता हुई लागू, नामांकन प्रक्रिया हुई शुरू

  • 30 दिसंबर तक पेश किये जा सकेंगे नामांकन

अमरावती/दि.24 – जिले की 553 ग्रामपंचायतों में आम चुनाव होने जा रहे है. जिसके लिए आगामी 15 जनवरी को मतदान और 18 जनवरी को मतगणना होने है. जिले की कुल 840 में से 553 ग्रामपंचायतों में चुनाव रहने की वजह से इस समय समूचे जिले में आचारसंहिता लागू है. साथ ही इस निमित्त गांव-गांव में चुनावी बयार बहनी शुरू हो गयी है. लेकिन बावजूद इसके अब तक ग्राम पंचायत स्तर पर होने जा रहे इस चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत रूप से छलांग लगायी नहीं गयी है.
उल्लेखनीय है कि, गांव स्तर पर सभी ग्रामीणों को एकत्रित करते हुए पैनल और पैनल प्रमुख तय किया जाता है. जिसके लिए कई बातों को लेकर सामंजस्य स्थापित किया जाता है. ग्रामीणों की राजनीति अपने खुद के गांव हेतु स्वतंत्रविचारवाली होती है. जिसके संदर्भ भी काफी अलग होते है. ऐसे में फिलहाल तक किसी भी राजनीतिक दल द्वारा ग्राम पंचायत चुनाव में खुद को शामिल नहीं किया गया है. हालांकि ग्रामीण स्तर पर बननेवाले पैनल में अपना वर्चस्व बनाये रखने की नीति पर काम जरूर किया जा रहा है, ताकि इसका फायदा आगे चलकर जिला परिषद व पंचायत समिती के चुनाव में हो सके. जिसके चलते सभी राजनीतिक दलों द्वारा ग्रामीण स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को आवश्यक ‘रसद’ की आपूर्ति की जा रही है.
बता दें कि, इस समय राज्य में कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना के समावेशवाली महाविकास आघाडी की सत्ता है और आघाडी का पलडा काफी मजबूत माना जा रहा है, क्योंकि तीनों ही दलों की ग्राम पंचायत स्तर तक संगठनात्मक पहुंच है. वहीं भाजपा को अपेक्षाकृत तौर पर शहरी क्षेत्र में प्रभुत्व रखनेवाली पार्टी माना जाता है. इस समय महाविकास आघाडी में ग्रापं चुनाव की सीटों के बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं चल रही है. ग्रामीण स्तर पर नागरिकों के अलग-अलग गुट होते है, और अक्सर उस गुट में शामिल कई लोग एक ही राजनीतिक दल से जुडे होते है. ऐसे में उस गुट के चुनकर आने का सीधा फायदा उन्हीं राजनीतिक दलों को होता है, जिसकी वजह से इन चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं किया जाता, ऐसा आज तक का अनुभव है, और संभवत: इस बार भी इसी परंपरा का पालन होगा.

क्या तीनों दल साथ मिलकर लडेंगे?

महाविकास आघाडी में शामिल तीनों दलों के स्थानीय नेताओं के मुताबिक गांव स्तर पर पक्षीय राजनीति नहीं चलती, क्योेंकि हर गांव में नागरिकों के स्थानीय स्तर पर अपने गुट होते है और वे अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ भी जुडे होते है. स्थानीय स्तर पर ही आवश्यक सामंजस्य कर उम्मीदवार तय किये जाते है. ऐसे में सीधे तौर पर या महाविकास आघाडी के रूप में ग्राम पंचायत चुनाव लडना बिल्कूल भी संभव नहीं है.
हालांकि पदवीधर व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में महाविकास आघाडी के चार प्रत्याशी निर्वाचित हुए है. जिससे महाविकास आघाडी की एकजूटता सामने आयी है. इस समय भी अमरावती जिले में कांग्रेस, शिवसेना व राष्ट्रवादी कांग्रेस के पदाधिकारी एक ही व्यासपीठ पर दिखाई देते है. महाआघाडी के रूप में चुनाव लडने पर अधिकाधिक ग्रामपंचायतों के सरपंच पद महाआघाडी को मिल सकते है. साथ ही प्रत्येक गांव में आघाडी के घटक दलों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता है. ऐसे में महाआघाडी के रूप में यह चुनाव लडने पर तीनोें दलों को इसका निश्चित तौर पर फायदा होगा.

स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में कांग्रेस का दबदबा

59 सदस्यीय अमरावती जिला परिषद इस समय कांग्रेस व शिवसेना के कब्जे में है. और जिला परिषद का अध्यक्ष पद कांग्रेस के पास है. इसी तरह पंचायत समिती व नगरपालिकाओं पर कांग्रेस के साथ ही भाजपा का वर्चस्व है. वहीं चांदूर बाजार व अचलपुर तहसील की कुछ स्वायत्त संस्थाओें पर प्रहार तथा भातकुली तहसील की कुछ स्वायत्त संस्थाओं में युवा स्वाभिमान के सदस्य मजबूत स्थिति में है.

चुनाव के बाद होगा वर्चस्व का प्रयास

निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अधिकाधिक ग्राम पंचायत व सरपंचों को अपने पाले में रखने हेतु सभी राजनीतिक दलों द्वारा प्रयास किये जाते है. जिला व शहर स्तर के राजनेता अमूमन ग्राम पंचायत चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करते है. लेकिन ग्रापं के सरपंच व सदस्य सहकारी संस्था के चुनाव में मतदाता होते है. ऐसे में अधिक से अधिक ग्रापं पदाधिकारियों को अपने पाले में रखने का प्रयास जरूर किया जाता है.

पार्टी बाद में, पैनल पहले

हर एक गांव में हर एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता है, लेकिन ग्राम पंचायत चुनाव में राजनीतिक दल काफी पीछे छूट गये है, क्योेंकि अपने गांव की जरूरतों व विकास को सामने रखते हुए सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा अपने पैनल के लिए वोट मांगे जा रहे है.

चुनाव होनेवाली ग्राम पंचायतों की तहसीलनिहाय संख्या

अमरावती – 46
भातकुली – 36
तिवसा – 29
दर्यापुर – 50
मोर्शी – 39
वरूड – 41
अंजनगांव सूर्जी – 34
अचलपुर – 44
धारणी – 35
चिखलदरा – 23
नांदगांव खंडे. – 51
चांदूर रेल्वे -29
चांदूर बाजार – 41
धामणगांव रेल्वे – 55

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