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मविआ सरकार के समय ही अमरावती के साथ-साथ औरंगाबाद का प्रस्ताव भी गया था

पीएम मित्र योजना के मेगा टेक्सटाईल पार्क को लेकर नया खुलासा

* राज्य सरकार की ओर से एमआयडीसी ने केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय को भेजे थे दोनों शहरों के प्रस्ताव
* एमआयडीसी के सीईओ ने 14 जून को लिखा था वस्त्रोद्योग अवर सचिव के नाम पत्र
* 2 मई को केंद्रीय वस्त्रोद्योग की संयुक्त सचिव का हुआ था अमरावती दौरा
* अमरावती से कहीं नहीं जानेवाला है मेगा टेक्सटाईल पार्क
* नांदगांव पेठ में ही साकार होगी पीएम मित्र योजना
अमरावती/दि.27– गत रोज पूर्व जिला पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने एक पत्रवार्ता बुलाते हुए आरोप लगाया था कि, पीएम मित्र योजना अंतर्गत अमरावती में साकार होनेवाले मेगा टेक्सटाईल पार्क को मौजूदा शिंदे-भाजपा सरकार द्वारा अमरावती की बजाय औरंगाबाद स्थलांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है. जिस पर आक्षेप उठाते हुए पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सवालों के कटघरे में खडा करने का प्रयास भी किया. लेकिन अब खुद डॉ. सुनील देशमुख द्वारा लगाये गये आरोप ही सवालों के घेरे में खडे दिखाई दे रहे है. क्योंकि इस मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है. जिसके मुताबिक महाविकास आघाडी सरकार के रहते समय महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम यानी एमआयडीसी द्वारा 14 जून को केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय के नाम भेजे गये पत्र में साफ तौर पर उल्लेखित किया गया है कि, एमआयडीसी ने राज्य सरकार की ओर से पीएम मित्र योजना के लिए महाराष्ट्र के अमरावती जिले एवं औरंगाबाद जिले का नाम प्रस्तावित किया है.
इस संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल के हाथ लगे एमआयडीसी के तत्कालीन सीईओ डॉ. पी. अनबालागन द्वारा 14 जून को केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय के अवर सचिव जी. के. रजनीश के नाम लिखे गये पत्र के मुताबिक महाराष्ट्र एमआयडीसी ने केंद्रीय कपडा मंत्रालय की ओर से 6 जून को भेजे गये पत्र का संदर्भ देते हुए साफ तौर पर बताया है कि, एमआयडीसी ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पीएम मित्र योजना अंतर्गत मेगा टेक्सटाईल पार्क स्थापित करने हेतु अमरावती इंडस्ट्रीयल एरिया के ब्राउनफिल्ड पार्क और औरंगाबाद के बिडकीन इंडस्ट्रीयल पार्क (औरिक) स्थित ग्रीनफिल्ड पार्क में मेगा टेक्सटाईल पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव पहले ही भेज दिया है और 2 मई 2022 को केंद्रीय कपडा मंत्रालय की संयुक्त सचिव प्राजक्ता वर्मा ने अमरावती की अतिरिक्त औद्योगिक वसाहत (नांदगांव पेठ पंचतारांकित एमआयडीसी) का दौरा भी किया. जिसके बाद 4 मई 2022 को दिल्ली में हुए स्टेट ग्रैण्ड चैलेंज में महाराष्ट्र ने हिस्सा भी लिया था.
इस पत्र के सामने आते ही यह स्पष्ट हो गया है कि, पीएम मित्र योजना में औरंगाबाद का नाम महाविकास आघाडी की सरकार के रहते समय ही शामिल व प्रस्तावित किया गया था. वहीं केंद्रीय कपडा मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर की वरिष्ठ महिला अधिकारी द्वारा अमरावती की पंचतारांकित एमआयडीसी का विगत मई माह में ही प्रत्यक्ष दौरा करते हुए यहां की जमिनी हकीकत का मुआयना कर लिया गया था और इसके बाद राज्य ने दिल्ली में इसे लेकर हुए आयोजन में हिस्सा भी लिया था.
ऐसे में मौजूदा सरकार द्वारा अमरावती के स्थान पर औरंगाबाद का नाम प्रस्तावित करने अथवा अमरावती के मेगा टेक्सटाईल पार्क को यहां से औरंगाबाद स्थलांतरित किये जाने को लेकर लगाये जानेवाले आरोपों में कोई तथ्य नहीं है. ऐसा इस पत्र को देखते हुए कहा जा सकता है.

आखिर पूरे मामले का सच क्या है?
बता दें कि, महाराष्ट्र एमआयडीसी द्वारा 14 जून को केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय के 6 जूनवाले पत्र का संदर्भ लेते हुए जवाब भेजा गया कि, महाराष्ट्र सरकार की ओर से पीएम मित्र योजना के लिए अमरावती व औरंगाबाद इन दो जिलों के प्रस्ताव भेजे गये है. इस समय तक महाराष्ट्र में सीएम उध्दव ठाकरे के नेतृत्ववाली महाविकास आघाडी की सरकार थी. जिसमें कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस भी शामिल थे. विशेष उल्लेखनीय है कि, इसी दिन यानी 14 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के दौरे पर थे और उन्होंने देहू व आलंदी सहित मुंबई को भेंट दी थी. इसके बाद 20 जून को विधान परिषद हेतु चुनाव हुए. जिसके तुरंत पश्चात 21 जून को एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों को साथ लेकर सूरत चले गये और उन्होंने शिवसेना सहित महाविकास आघाडी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी. पश्चात सूरत से गुवाहाटी व गोवा होते हुए बागी विधायकों का नेतृत्व करनेवाले एकनाथ शिंदे 29 जून को मुंबई पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल से मिलकर अपने पास बहुमत होने और सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस समय तक तत्कालीन मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे अपने पद से इस्तीफा दे चुके थे. ऐसे में 30 जून को एकनाथ शिंदे ने राज्य के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली और 4 जुलाई को विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के दौरे करते हुए कुछ केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात भी की. सीएम शिंदे के इन्हीं दिल्ली दौरों और केंद्रीय नेताओं से होनेवाली मुलाकातोें तथा औरंगाबाद के कुछ अखबारों में प्रकाशित खबरों को आधार बनाते हुए गत रोज डॉ. सुनील देशमुख जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेता एवं किसी समय राज्यमंत्री रह चुके व्यक्ति द्वारा मेगा टेक्सटाईल पार्क को अमरावती की बजाय औरंगाबाद स्थलांतरित किये जाने के संदर्भ में मौजूदा राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया था. लेकिन अब सामने आ रही जानकारी के मुताबिक पीएम मित्र योजना के अंतर्गत मेगा टेक्सटाईल पार्क के लिए अमरावती के साथ-साथ औरंगाबाद का नाम तो खुद तत्कालीन महाविकास आघाडी सरकार द्वारा ही भेजा गया था. ऐसा साफ पता चल रहा है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख जैसे सुलझे हुए राजनीतिज्ञ द्वारा यह आरोप क्यो लगाया गया. जाहीर सी बात है कि, अगर डॉ. सुनील देशमुख जैसे कुशल प्रशासक व मंझे हुए राजनेता द्वारा बाकायदा पत्रकार परिषद लेकर कोई आरोप लगाया जा रहा है, तो उसके पीछे कोई सशक्त तथ्य भी होंगे. इसी बात को ध्यान में रखते हुए दैनिक अमरावती मंडल ने इस मामले में अपनी ओर से थोडी-बहुत जांच-पडताल करने का प्रयास किया, तो कुछ अलग ही जानकारी निकलकर सामने आयी. यहां हमारा उद्देश किसी को सही अथवा गलत साबित करने का कतई नहीं है. बल्कि हम केवल इतना चाहते है कि, पूरे मामले का तथ्यात्मक सच अमरावती जनता के सामने आ सके और इस समय सच तो यही दिखाई दे रहा है कि, अमरावती के साथ औरंगाबाद का नाम मेगा टेक्सटाईल प्रोजेक्ट के लिए राज्य की नई सरकार ने नहीं, बल्कि पिछली महाविकास आघाडी सरकार ने ही प्रस्तावित किया था और अमरावती में साकार होने जा रहे मेगा टेक्सटाईल प्रोजेक्ट पर किसी तरह का कोई खतरा भी नहीं है. ऐसे में इस विषय को लेकर लगाये गये आरोप फिलहाल समझ से परे है.

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