अमरावतीमहाराष्ट्र

अटल दौड को बनाना है अमरावती की पहचान

रन फॉर अमरावती विशेष आकर्षण

* हॉफ मैराथन के कार्यालय का उद्घाटन शानदार
* तुषार भारतीय मित्र परिवार का आयोजन
अमरावती /दि.10- विधानसभा चुनाव की करारी हार दरकिनार कर देश के दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पावन स्मृति में शुरु की गई अमरावती हॉफ मैराथन अब इस शहर की पहचान बननी चाहिए. इस प्रकार से प्रत्येक को इसमें सहभागी होकर और आयोजन में अपना यथोचित योगदान करने का आवाहन वक्ताओं ने गत शाम बडनेरा रोड के कुबडे टॉवर्स में हॉफ मैराथन के कार्यालय का उद्घाटन करते हुए किया. सभी ने तुषार भारतीय की गजब की खेल भावना की प्रशंसा की. वहीं भारतीय ने कहा कि, इस दौड के साथ महान अटलजी का नाम जुडा है. इसलिए इसके भव्य आयोजन में सभी का योगदान होना ही चाहिए. इस वर्ष 6 लाख के अवॉर्ड है. आने वाले वर्षों में अवॉर्ड की राशि लाखों को पार कर जानी चाहिए.
बडनेरा रोड के मंत्री मोटर्स के सामने अमरावती हॉफ मैराथन का मुख्य कार्यालय का उद्घाटन सोमवार शाम खेल उपसंचालक विजय संतान के हस्ते दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस समय मंच पर एथलेटीक एसो. के अध्यक्ष प्रा. अतुल पाटिल, उद्यमी समीर कुबडे, पूर्व महापौर चेतन गावंडे तथा स्वयं तुषार भारतीय विराजमान थे. शहर के कई गणमान्य इस उद्घाटन अवसर पर स्वयंस्फूर्ति से आये थे.
* भारतीय की खेल भावना सराही गई
तीनों वक्ताओं प्रा. पाटिल, विजय संतान और समीर कुबडे ने तुषार भारतीय की खेल भावना की प्रशंसा कर कहा कि, आज यह प्रत्येक 25 दिसंबर को होने वाला अमरावती का अपना इवेंट बन गया है. लोगों में भी फिटनेस को लेकर जागृति देखी जा रही है. समीर कुबडे ने कहा कि, उनके दोनों बेटे गत तीनों वर्ष से इस दौड में उत्साह से सहभागी है और अब 25 दिसंबर का इंतजार करते हैं. कुबडे ने आयोजन में यथोचित सहयोग का भी ऐलान किया.
* समय निकालकर आये संतान
खेल उपसंचालक विजय संतान अमरावती में राष्ट्रीय अंडर-14 कबड्डी स्पर्धा के बडे आयोजन में व्यस्त होने के बावजूद उद्घाटन अवसर पर आये और उन्होंने बताया कि, वे कुछ गांवों में गये, तो वहां के धावकों ने बताया कि, अमरावती में अटल दौड में प्रबंध बेहतर होते हैं. खिलाडियों की सुविधाओं का बडा ध्यान बराबर रखा जाता है. फिर वह भोजन या निवास की व्यवस्था हो, या प्रत्यक्ष दौड के समय का प्रबंध.
* 10 हजार धावकों का लक्ष्य
जिला जिम्नास्टीक एसो. के प्रा. अतुल पाटिल ने कहा कि, पिछले वर्ष 3 हजार लोगों ने स्पर्धा में भाग लिया था. इस बार यह आंकडा 10 हजार को पार करना चाहिए. जिससे अमरावती का नाम पुणे-मुंबई और अन्य बडे शहरों की मैराथन में शामिल हो जाये और धावक मान्यता के मापदंड पूर्ण करें.
* पहला इनाम बाइक, मोपेड
तुषार भारतीय ने कहा कि, खेल भावना सर्वोपरि रखते हुए आयोजन किया जा रहा है. वे भी समस्त अमरावती से खेल भावना की अपेक्षा रखते हैं. आयोजन में प्रत्येक ने सहभाग लेकर योगदान करना चाहिए. 4 लाख के नगद पुरस्कारों के अलावा पुरुषों में प्रथम आये धावक को 1 लाख की बाइक और महिलाओं में भी अव्वल आयी धाविका को मोपेड बतौर पुरस्कार दी जाएगी. भारतीय ने कहा कि, इस बार संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन करते हुए स्पर्धक को तुरंत बीब नंबर और टीशर्ट देने का इंतजाम किया गया है. उसी प्रकार दौड के सभी अंतरराष्ट्रीय मानक यहां रहेंगे. गुरुकुल व्यायाम शाला और मित्र परिवार इस आयोजन को हमेशा के लिए अमरावती की पहचान बनाने के रुप में कायम रखना चाहेगा. सर्वश्री चेतन गावंडे, बलदेव बजाज, निरंजन दुबे, सुरेखा लुंगारे, डॉ. कवल पाण्डेय, आशीष अतकरे, सुनंदा खरड, रेखा भूतडा, अपर्णा सवई, वंदना इंगोले, बरखा भोज्जे, भारती गायकवाड, प्रशांत शेगोकार, सचिन मोहोड, गोपाल दलाल, बंडू विघे, सुधीर पावडे, आकाश वाघमारे, अखिलेश किल्लेदार, अंकेश गुजर, योगेश निमकर, किशोर जाधव, सूरज जोशी, प्रदीप सोलंके, राजेश जगताप, रुपेश दुबे, योगेश उघडे, गोपाल भारणे, गोपाल बंग और बडी संख्या में महिलाएं और बालगोपाल भी उपस्थित थे. धावकों में स्पर्धा को लेकर जोश व जुनून नजर आया. संचालन व आभार प्रदर्शन मंदार नानोटी ने बखूबी किया.

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