अमरावती

एथलेटिक खिलाडियों को सिंथेटिक ट्रैक की प्रतिक्षा

खिलाडी पर्याप्त सुविधाओं से वंचित

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२ – एथलेटिक खेल के लिए दर्जेदार खिलाडी निर्माण हो इन खिलाडियों को अभ्यास के लिए सभी सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु अमरावती विभागीय क्रीडा संकुल उपलब्ध है. किंतु खिलाडियों को अब भी सिंथेटिक ट्रैक की प्रतिक्षा है. स्थानीय स्तर पर खिलाडियों को पर्याप्त दर्जेदार सुविधाओं से कितने दिन वंचित रहना पडेगा इस बाबत कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया. राज्य के ३६ में से ९ जिले के १३ स्थानों पर सिंथेटिक टै्रक है. खिलाडियों को विश्व स्तर पर सभी सुविधाएं दिए जाने की आज आवश्यकता है. खिलाडियों के निर्माण किए जाने की योजना बनायी गई है. किंतु सभी योजनाएं कागज पर ही सिमित है.
खिलाडी सुविधाओं से वंचित है वर्षो से जिले के एथलेटिक खिलाडी मिट्टी के टै्रक पर ही अभ्यास कर रहे है. जिसका परिणाम उनकी प्रगती पर हो रहा है. इन खिलाडियों को अपने गांव से जिले में अभ्यास के लिए आर्थिक परेशानियों का सामना करना पडता है. अनेक खिलाडी आर्थिक परिस्थिति के चलते जिले में अभ्यास के लिए पहुंच नहीं पाते. अमरावती, यवतमाल, वाशिम, बुलढाणा, अकोला इन पांच जिलों में से केवल यवतमाल जिले में ही विद्यमान पालकमंत्री ने विधायक रहते हुए जिला क्रीडा संकुल में एथलेटिक खिलाडियों के लिए सिंथेटिक ट्रैक तैयार करवाया था.
उसके पश्चात वरिष्ठ स्तर पर कुछ हलचल शुरु हुई थी. पहले चरण में जिलास्तर पर या फिर विभागीय स्तर पर क्रीडा संकुल में एथलेटिक सिंथेटिक टैंक निर्माण हो इसका प्रस्ताव भी राज्य सरकार को विभागीय क्रीडा उपसंचालक कार्यालय की ओर से छह महीने पूर्व भिजवाया गया था. ऐसा प्रभारी क्रीडा उपसंचालक व जिला क्रीडा अधिकारी गणेश जाधव ने कहा. किंतु उसके पश्चात कोरोना महामारी का प्रादुर्भाव शुरु हो जाने की वजह से राज्य स्तर पर प्रस्ताव वहीं धूल खाते पडे है. जिसमें अब एक साल तक सकारात्मक निर्णय की संभावना कम है.

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