अमरावती/दि.26 – इन दिनों अल्पवयीन लडकियों के साथ छेडछाड, विनयभंग व दुराचार की घटनाएं काफी अधिक बढ गई है. ऐसी घटनाओं का सूक्ष्म निरीक्षण करने पर पता चलता है कि, अल्पवयीन लडकियों के साथ यौन शोषण के सर्वाधिक मामलोें में उनके परिचित ही लिप्त थे. कई अल्पवयीन लडकियों को उनके रिश्ते व परिचय में रहनेवाले पुरूषों द्वारा ही भगा ले जाने का निष्कर्ष पुलिस द्वारा निकाला गया है. साथ ही अल्पवयीन लडकियों के साथ विनयभंग, छेडछाड व दुराचार के मामले घर की चार दिवारियोें के भीतर सर्वाधिक घटित हुए है.
लडकियों को ‘गुड टच-बैड टच’ सीखाना जरूरी
छोटी बच्चियों को यह सीखाना बेहद जरूरी है कि, किसी व्यक्ति द्वारा उन्हें किस उद्देश्य से स्पर्श किया जा रहा है. ऐसे में ‘गुड टच-बैड टच’ सीखाने हेतु अभिभावकों को अपने पाल्यों के साथ मित्रवत व्यवहार करना होगा.
तीन वर्ष में हुई अत्याचार की घटनाएं
वर्ष बलात्कार विनयभंग भगा ले जाना
2019 80 307 95
2020 81 285 61
2021 86 256 75
50 फीसद आरोपी परिचयवाले
अल्पवयीन लडकियों सहित युवतियों व महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार के आंकडों को देखने पर चलता है कि, इसमें से 50 से 60 फीसद आरोपी पीडिता के परिचयवाले ही होते है, जो आपसी रिश्ते और पहचान का गलत फायदा उठाकर इस तरह की वारदातों को अंजाम देते है.
अभिभावकों की जिम्मेदारी अधिक
ऐेसे मामले सिंगल पैरेंटिंग में ज्यादातर देखे जाते है. ऐसे में इन बच्चों की सामाजिक व मानसिक सहित भावनिक समस्याओं को हल करने हेतु उन्हें उपचार की आवश्यकता होती है. बदलाववाली उम्र से गुजरनेवाले बच्चों की समस्याओं को अभिभावकों द्वारा समझा जाना चाहिए. साथ ही उनसे मैत्रीपूर्ण संबंध व संवाद स्थापित करने चाहिए.
विनयभंग, बलात्कार व झांसा देकर भगा ले जानेवाली घटनाओं में अधिकांश आरोपी पीडिता के परिचय अथवा रिश्ते में ही होते है. ऐसा कई मामलों में देखा गया है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, सभी अभिभावक अपने बच्चों के मित्र बनेें. वहीं अमरावती शहर पुलिस महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा हेतु पूरी तरह सजग है. अत: पुलिस से सहायता मांगने में बिल्कुल भी न हिंचखिचाये.