किचन-365 में लूटपाट व हप्ता वसूली का प्रयास
चार लोगों ने होटल संचालक महेश छाबडा को कॉलर पकडकर धमकाया
* हफ्ता नहीं देने और पुलिस को बताने पर दी जान से मारने की धमकी
* राजापेठ पुलिस ने अश्विन उईके व स्वप्निल बावनकर सहित दो अन्य को किया नामजद
अमरावती/दि. 29- स्थानीय एमआयडीसी परिसर के निकट पुराना बायपास मार्ग स्थित किचन-365 नामक होटल में बिती रात खाना खाने पहुंचे चार लोगों ने वेटर द्वारा बिल मांगे जाने पर बिल की रकम अदा करने में आनाकानी करने के साथ ही होटल संचालक महेश छाबडा के साथ धक्कामुक्की की और उनकी कॉलर पकडकर उनसे हर महिने हफ्ता देने की मांग करने के साथ ही हफ्ता नहीं देने व इस बारे में पुलिस को बताने पर जान से मार देने की धमकी भी दी. जिसके बाद मामले को लेकर मिली शिकायत के आधार पर राजापेठ पुलिस ने अश्विन उईके व स्वप्निल बावनकर सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अश्विन उईके व स्वप्निल बावनकर नामक दो युवक अपने अन्य दो दोस्तो के साथ कल आधी रात के आसपास किचन-365 में खाना पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने खाने के लिए अलग-अलग व्यंजनो का ऑर्डर देने के साथ ही जमकर खाना खाया. लेकिन भोजन निपट जाने के बाद जैसे ही वेटर ने उन्हें खाने का बिल लाकर दिया तो चारो लोगों ने ‘हमको पहचानता नहीं क्या’ जैसे जुमलो का प्रयोग करते हुए वेटर को धमकी भरे लहजे में कहा कि, ‘जा तेरे मालक को बुलाकर ला.’ इसके बाद जब होटल संचालक महेश छाबडा माजरा समझने के लिए वहां पहुंचे तो चारों आरोपियों ने एक बार फिर अपने रसूख और रुआब की धौंस जमाते हुए कहा कि, अगर यहां पर होटल चलाना है तो हफ्ता देना पडेगा. साथ ही हफ्ता नहीं देने पर अंजाम बुरा होगा. इसके साथ ही उन चारो लोगों ने होटल संचालक महेश छाबडा की कॉलर पकडकर उनके साथ धक्कामुक्की भी की, तथा वहां से चले गए. लेकिन थोडी देर बार चारो लोग एक बार फिर लौटकर वापिस आए तथा उन्होंने होटल संचालक महेश छाबडा को धमकाया कि, अगर उन्होंने पुलिस में शिकायत देने की कोशिश की तो अंजाम और भी बुरा हो सकता है. इसके बाद होटल संचालक महेश छाबडा के साथ गालीगलौच व धक्कामुक्की करने के बाद चारो आरोपी वहां से भाग निकले. उसके उपरांत बुरी तरह से डरे व घबराए महेश छाबडा ने तुरंत ही राजापेठ पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. इसके आधार पर राजापेठ पुलिस ने भादंवि की धारा 387, 295, 506 (ब) व 34 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच करनी शुरु कर दी थी