शिंदेे और फडणवीस के विजन को साकार करने का प्रयास
आयुक्त व प्रशासक आष्टीकर के बजट का विश्लेषण
* स्वास्थ्य सहित मूलभूत सुविधाओं पर जोर
अमरावती/दि.29- निगामायुक्त और प्रशासक डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने मनपा इतिहास में दूसरी बार जब प्रशासक की हैसियत से अर्थसंकल्प प्रस्तुत किया तो, उसका सिंहावलोकन और विहंगावलोकन आरंभ हो गया. शहर के विकास में योगदान का दावा करने वाले लीडरान अपने चश्मे से बजट को देख रहे हैं. जबकि नागरी सेवाओं के जानकार अपने चश्मे से. एक बात अवश्य है कि, अर्थसंकल्प पर प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विजन की छाप है. दोनों ही नेता शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं भरपूर प्रमाण में उपलब्ध करवाने के हिमायती रहे हैं. उसी प्रकार स्वास्थ्य सुविधाएं बढाने पर जोर रहा है. बता दें कि शहर विकास मंत्रालय का जिम्मा स्वयं सीएम शिंदे के पास है. जबकि डीसीएम फडणवीस अमरावती के जिला पालकमंत्री भी हैं.
* स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर
शिंदे-फडणवीस सरकार ने कोरोना काल से सबक लेकर स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया है. फिर वह देहाती हो या शहरी क्षेत्र. इसलिए प्रशासक डॉ. आष्टीकर ने भी अमरावतीवासियों को अच्छी और तत्पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने बजट में सबसे बडा प्रावधान कर दिया है. डॉ. आष्टीकर के बजट का 37 प्रतिशत भाग अर्थात 161 करोड स्वास्थ्य और सफाई पर खर्च होना है. हालांकि इसमें जलापूर्ति, जलनिस्तारण और अन्य हेड भी समाहित है. फिर भी शहर में केंद्र की योजनाओं का लाभ लेकर 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 17 क्लिनिक खोलने का प्रस्ताव है. इसके लिए मनपा की तरफ से हलचल शुरु हो गई है.
* मोदी और तारखेडा अस्पताल का विस्तार
स्वास्थ्य सेवा आम नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है. जितनी अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी समाज का घटक उतना ही कार्यप्रवीण और तत्पर रहेगा. इसी विजन को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार काम कर रही है. डॉ. आष्टीकर ने घोषणा की है कि बडनेरा के मोदी अस्पताल में 50 बेड की सुविधा अगले वित्तवर्ष में की जाएगी. कुछ ऐसी ही सुविधा तारखेडा के अस्पताल में करने का भी उन्होंने प्रावधान किया है. इसके अलावा वातानुकूलित ड्रग सेंटर भी वे खोलने जा रहे हैं. तद् हेतु बजट में प्रावधान किया गया है.
* लीगसी वेस्ट डिस्पोजल
लीगसी वेस्ट डिस्पोजल पर आयुक्त आष्टीकर का जोर हैं. उन्होंने बजट में इसका ऐलान किया है. वेस्ट डिस्पोजल के लिए मनपा हालही में एक करार कर चुकी है. स्वास्थ्य सेवाओं को बढाने के साथ स्वच्छता पर उनका जोर है. साफ-सफाई रहेगी तो रोगराई को जगह नहीं मिलेगी,ऐसी पुरानी मान्यता है. इसीलिए बायोमायनिंग के प्रकल्प डॉ. आष्टीकर वरियता से पूर्ण कर रहे हैं. बजट में भी उनका यह विजन स्पष्ट है.
* पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान
डॉ. आष्टीकर ने पर्यावरण की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया है. उन्होंने बजट को पर्यावरण पूरक विशेषण दिया है. जो बाग बगीचों के रखरखाव तथा नए बगीचे बनाने के आवंटन को देखते हुए ठीक लग रहा है. बगीचों में सुविधाएं बढाना तथा नए बगीचे बनाने पर 14 करोड मनपा खर्च करने जा रही है. उसी प्रकार प्रत्येक पेड-पौधे की रक्षा कर शहर के सौंदर्यीकरण का काम होगा, ऐसा भी वे स्पष्ट कर चुके हैं.
* सडक विकास पर ध्यान
आष्टीकर ने मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने पर ध्यान दिया है. उनका बजट इस मायने में काफी कुछ खरा उतरने की बात विश्लेषक कर रहे हैं. मूलभूत सुविधा में सडक का नंबर कदाचित पहला, दूसरा रहता है. अमरावती की सडकों को लेकर जनशिकायतें आम है. इसलिए पिछली बार की 7 करोड की तुलना में इस बार बजट राशि 24 करोड अर्थात तीन गुना से अधिक की गई है. वे अमरावती के बाशिंदों को बेहतर सडकें देने के हिमायती हैं. समतोल विकास पर भी उनका लक्ष्य बराबर हैं. मूलभूत सुविधा अंतर्गत प्रसाधन का भी नंबर उपर है. सार्वजनिक टॉयलेट की मांग सभी क्षेत्र से हुई है. इसलिए डेढ करोड रुपए का प्रावधान करते हुए डॉ. आष्टीकर ने अस्पीरेशनल टॉयलेट स्थापित करने का निर्णय घोषित किया. उसी प्रकार किन्नरों के लिए विशेष प्रसाधन के लिए भी बजट में पहली बार प्रावधान किया गया है. जन्म-मृत्यु का प्रमाणपत्र प्रत्येक के लिए आवश्यक दस्तावेज है. अभी तक इस प्रमाणपत्र हेतु नागरिकों को मनपा में आना पडता था. डॉ. आष्टीकर ने सभी जोन में इसकी व्यवस्था शुरु कर दी है.
* शिक्षा का खर्च तीसरे नंबर पर
शिक्षा सक्षमीकरण पर राज्य के शिंदे-फडणवीस शासन का जोर है. अमरावती में मनपा शालाओं की स्थिति बेहतर करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. डॉ. आष्टीकर ने 4.4 करोड के बजट को 14.25 करोड तक बढा दिया है. साफ है कि शिक्षा के लिए मनपा भरपूर प्रयत्न करने जा रही है. इस क्षेत्र में काफी सुधार की गुंजाइश है. डॉ. आष्टीकर ने पूर्व प्राथमिक वर्ग श्ाुरु करने के साथ कनिष्ठ महाविद्यालय अर्थात 11-12वीं की कक्षाएं भी शुरु करने की सोच सामने रखी है. जिसमें अध्यापक से लेकर सिपाही तक सभी पदों की भर्ती का भी उनका मानस हैं. बजट रहने से उसका बडा ही सकारात्मक प्रभाव देखने मिल सकता है. डॉ. आष्टीकर ने यहां भी अच्छी सोच बतलाई है. अमरावती को स्वच्छ, सुुंदर और प्रदूषणमुक्त करने पर उनका बल है. बता दें कि अच्छी आबोहवा के लिए अमरावती मनपा को डॉ. आष्टीकर के नेतृत्व में पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्तर का तृतीय पुरस्कार मिल चुका है.