अमरावती

कुपोषित बच्ची को बचाने का प्रयास

बादल फटने पर खराब हुए रास्तों से जानलेवा यात्रा

चिखलदरा/दि.13 – बादल फटने से खराब हुए रास्तों से यात्रा करते हुए स्वास्थ्य यंत्रणा व्दारा एकक कुपोषित बच्ची को वैद्यकीय सेवा उपलब्ध करायी.
सेमाडोह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत माखला की 19 वर्षीय वनमाला का विवाह मध्यप्रदेश के भैसदेही तहसील के कसाई में गत वर्ष हुआ. वनमाला का ढाई महीने पूर्व प्रसूति हुई. मंगलवार को उस बच्ची (निरजाला) को लेकर वह माखला में अपने मायके आयी. गांव में आते ही अंगणवाड़ी सेविका ज्योती सोमद, स्वास्थ्य सेविका सिंधू सावरकर ने बच्ची की जांच की और तीव्र कुपोषित होने की जानकारी स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर महेश कूर्तकोटी, डॉ. दीपक कुंडेटकर, डॉ. सुषमा इंगोले को दी.

घर में छुपा कर रखा

डा.दीपक कुंडेटकर,समुपदेशक शिवदास बिसंदरे, चंद्रकला मावस्कर, स्वास्थ्य सहायक काले, आशा ललिता मावस्कर, कला मनानसिंग जावरकर, पुलिस पाटील शिवकली सेलूकर, चालक समीर शेख बुधवार की दोपहर 12 बजे के करीब माखला गांव पहुंचे. वनमाला की शाम तक समझाइश की. वापस गुरुवार की सुबह 8 बजे यह टीम गई. तब दोनों मां-बेटी को घर में छुपाकर रखा गया और खेत में गई होने की बात कही गई.

बह गए रास्ते और रुग्णवाहिका की बिकट स्थिति

मेलघाट में विगत 22 जुलाई को अतिवृष्टि हुई थी. इस रास्ते पर डेढ़ किलोमीटर तक बादल फटने से सेमाडोह मार्ग से यात्रा करना जानलेवा साबित हो रहा है. इस रास्ते से स्वास्थ्य यंत्रणा गांव पहुंची. धारणी उपजिला अस्पताल के बाल संगोपन केंद्र में डॉ. जावरकर
उपचार कर रहे हैं.

  • ढाई वर्षीय नीरजा को धारणी उपजिला अस्पताल में बाल संगोपन केंद्र में दाखल किया गया. तज्ञ डॉक्टर्स उस पर ध्यान दे रहे हैं. मरीज की सेवा करने के लिए जानलेवा रास्ते ने स्वास्थ्य यंत्रणा को जाना पड़ता है.
    – दीपक कुंडेटकर, वैद्यकीय अधिकारी, सेमाडोह

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