मृतक के नाम पर किसी अन्य को खडा कर खेत बेचने का प्रयास
वकील सहित 13 के खिलाफ मामला दर्ज, 10 गिरफ्तार
* सिटी कोतवाली से मामले की जांच सौंपी गई क्राइम ब्रांच यूनिट-1 को
* मासोद स्थित 10.75 हेक्टेअर खेत की परभारे विक्री का मामला
* खेत मालिक की वर्ष 2019 में ही हो चुकी थी मौत, आरोपियों ने खेत बेचने की मिलीभगत
* आरोपियों में अकोला व बुलढाणा के लोगों का समावेश
* दिवंगत खेत मालिक के दामाद तौसिफ काजी की सतर्कता से मामला उजागर
अमरावती/दि.16 – वर्ष 2019 में 18 अक्तूबर को मृत हो चुके मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान की मिल्कियत रहने वाले मौजे मासोद स्थित 10.75 हेक्टेअर क्षेत्रफल वाले दो खेतों आपसी मिली भगत करते हुए खरीदने व बेचने का प्रयास करने के मामले में मिली शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस ने एक वकील सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया है. जिसमेें से 10 आरोपियों को तहसील कार्यालय के सबरजिस्टार ऑफिस से गिरफ्तार भी किया गया. सभी आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 465, 467, 468, 471 व 120 (ब) के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया गया है. साथ ही अब इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच यूनिट-1 को सौंप दी गई है.
इस मामले को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक 18 अक्तूबर 2019 को मृत हो चुके मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान (लोहीया भवन, पाइपलाइन रोड, कुर्ला पश्चिम, मुंबई) के साथ उनके मौजे मासोद स्थित 2 हेक्टेअर 68 आर एवं 1 हेक्टेअर 62 आर ऐसे कुल 10.75 हेआर खेतों का सौंदा होने को लेकर विगत 28 फरवरी 2024 को अमरावती से प्रकाशित होने वाले दैनिक हिंदूस्थान नामक मराठी दैनिक में जाहीर नोटीस छपी थी. जिसके बारे में शेवती गांव निवासी नाना शालिकराम गवली के जरिए दिवंगत मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान के दामाद काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ (58, इकबाल अपार्टमेंट, चपराशीपुरा मस्जिद के पास) को जानकारी मिली, तो उन्होंने संबंधित मराठी दैनिक के कार्यालय में जाकर उस जाहीर नोटीस के बारे में पूछताछ की, तो बताया गया कि, उक्त जाहीर नोटीस एड. वी. पी. देशमुख (प्राजक्ता लेआउट, शिवार्पण कालोनी, विएमवी रोड) द्वारा प्रकाशित करने हेतु दी गई थी. जिसमें कहा गया था कि, एड. देशमुख के पक्षकार ने मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान के साथ मौजे मासोद स्थित भूमापन क्रमांक 310 भोगवटदार वर्ग-1 कुल क्षेत्रफल 2 हेक्टेअर 68 आर सालीम तथा मौजे मासोद में भूमापन क्रमांक 308 भोगवटदार वर्ग-1 कुल क्षेत्रफल 1 हेक्टेअर 67 आर में से 1 हेक्टेअर 62 आर खेत जमीन लेने का सौंदा किया है. अत: इस खेत जमीन पर यदि किसी का कोई हक, हितसंबंध व बोझ अथवा इसार हक हो, तो वह इस जाहीर नोटीस के प्रकाशित होने के बाद 8 दिनों के भीतर आवश्यक दस्तावेजों के साथ लिखित तौर पर अपनी आपत्ति दर्ज कराए. अन्यथा एड. वी. पी. देशमुख के पक्षकार द्वारा सौंदा पूरा कर लिया जाएगा.
इस विज्ञापन को देखकर काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ बेहद हैरत में पड गये. क्योंकि उनके ससूर मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान का वर्ष 2019 में ही इंतकाल हो गया था और उनकी ससूर की संपत्ति में उनके साले इरफान इकबाल खान, रिजवान अहमद इकबाल खान, पत्नी फरहाना काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ और पत्नी की बहन रक्षा अंजुम इकबाल शेख भी कानूनी वारिसदार है. इनमें से किसी ने भी उक्त जमीन को बेचने का किसी से सौंदा नहीं किया था. इसके बावजूद भी 4 वर्ष पूर्व दिवंगत हुए उनके ससूर के साथ जमीन की खरीदी विक्री का सौंदा होने की बात कहते हुए बाकायदा दैनिक हिंदूस्थान नामक मराठी अखबार में जाहीर नोटीस प्रकाशित की गई थी. जिसकी जानकारी मिलते ही काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ व उनकी पत्नी ने अपने वकील एड. राजा एस. झेड अली के जरिए 9 मार्च को उसी मराठी दैनिक हिंदूस्थान में जाहीर नोटीस प्रकाशित करते हुए आम जनता को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए सूचित किया कि, मौजे मासोद में मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान की मिल्कियत रहने वाली कृषि जमीनों का किसी के भी साथ कोई सौंदा नहीं हुआ है और विगत 28 फरवरी को एड. वी. पी. देशमुख द्वारा प्रकाशित जाहीर नोटीस पूरी तरह से झूठी व गलत है. जिसे देखकर स्पष्ट होता है कि, एड. वी. पी. देशमुख को उनके पक्षकारों ने गलत जानकारी व फर्जी दस्तावेज दिखाते हुए उक्त जाहीर नोटीस प्रकाशित करवाई है. इसके साथ ही काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ ने अपने वकील एड. राजा अली के मार्फत एड. वी. पी. देशमुख के नाम 8 मार्च को एक नोटीस स्पीड पोस्ट के जरिए भेजी. जिसमें पूरी जानकारी दी गई. साथ ही अपने ससूर की मिल्कियत रहने वाले खेत की किसी के भी जरिए खरीदी-विक्री नहीं होने देने के संदर्भ में ग्रामीण दुय्यम निबंधक कार्यालय एवं अमरावती शहर पुलिस आयुक्त को पत्र दिया. इसके अलावा 13 मार्च को सहायक निबंधक वर्ग-1 व मुद्रांक जिलाधीश की ओर से जारी निर्देश के अनुसार सह दुय्यम निबंधक वर्ग-2 अमरावती एवं पुणे शेत सर्वे भूमापन क्रमांक 308 व 310 मौजे मासोद में स्थित जमीन की खरीदी मूल मालिक की सहमति किये बिना खरीदी खेत का पंजीयन नहीं करने से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ.
लेकिन इसके बावजूद भी 15 मार्च को सुबह 11 बजे के आसपास काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ के मोबाइल पर एक फोन कॉल आया. जिसमें बताया गया कि, खरीदी पंजीयन कार्यालय में खुद मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान आये हुए है और उन्होंने खेत खरीदी हेतु लगने वाले आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत किये है. यह जानकारी मिलते ही काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ ने तुरंत अपने मित्र कामरान अहमद अंसारी को अपने साथ लिया और वे तहसील कार्यालय जाने निकले. इसी दौरान कामरान अंसारी ने अपने मोबाइल के जरिए डायल 112 पर फोन कॉल करते हुए पुलिस को सूचित किया और सहायता मांगी. पश्चात जब वे दोनों 11.20 बजे के आसपास तहसील कार्यालय पहुंचकर दुय्यम निबंधक कार्यालय मेें पदस्थ नितिन तायडे व विलास राठोड से मिले, तो उन्होंने मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान द्वारा भरे गये सरकारी चालान एवं पेश किये गये खेत संबंधित दस्तावेज दिखाये. जिसके बाद काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ ने उन दोनों को बताया कि, मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान तो वर्ष 2019 में ही मृत हो चुके है एवं जमीन की खरीदी-विक्री करने वाले लोगों द्वारा बनावटी व फर्जी दस्तावेज पेश किये गये है. जिसके बाद उन दोनों अधिकारियों ने अपने कारकुन के मार्फत मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान तथा विजयसिंह जानकीराम बलोदे व कैलास जानकीराम बलोदे के नाम का तीन बार पुकारा किया. लेकिन वे तीनों हाजीर नहीं हुए. उसी समय वहां पर पुलिस का पथक आ जाने के चलते जमीन की खरीदी-विक्री हेतु प्राप्त मोबाइल क्रमांक के जरिए पुलिस ने खोज करनी शुरु की, तो मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान के नाम पर फर्जी दस्तावेज पेश करने वाले शेर खान हिम्मत खान (साजनपुरी, तह. खामगांव, जि. बुलढाणा, फिलहाल रहना बालापुर, जि. अकोला) सहित जमीन खरीदने हेतु आये विजयसिंह जानकीराम बलोेदे व कैलास जानकीराम बलोदे (दोनो बलोदे लेआउट, अकोला निवासी) को खोज निकाला गया, जिन्हें अपनी हिरासत में लेने के साथ ही उसके साथिदार सुनील मधुकर मोरवाल (बलोदे लेआउट, अकोला), अंसार खान इब्राहिम खान (मस्तान चौक, खामगांव, बुलढाणा), निकी रमेश बोहरा (खामगांव, जि. बुलढाणा), रमेश महादेवराव थुकीकर (कृषि नगर, अकोला), अतुल संजय अंकुलकार (न्यू तापडिया नगर, अकोला) तथा सैय्यद जफर सैय्यद नासिर (वडाली, अमरावती) को भी पकडा गया. इसके अलावा इस मामले में प्यारु खान जफरउल्ला खान (घातखेडा, जि. अमरावती), कलंदर खान शौकत खान (जि. अमरावती), एड. वी. पी. देशमुख (अमरावती) को भी नामजद किया गया. इसके साथ ही अब इस मामले की जांच सिटी कोतवाली पुलिस के पास से हटाकर स्थानीय अपराध शाखा यूनिट क्रमांक-1 को सौंप दी गई है.