शालाओं का स्तर सुधारने भौतिक व शैक्षणिक सुविधाओं पर दिया जाये ध्यान
शालेय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने जारी किये निर्देश

* शिक्षा विभाग के कामकाज का लिया जायजा
अमरावती/दि.10- गुणवत्तापूर्ण व आनंददायी शिक्षा प्रत्येक विद्यार्थी का मूलभूत अधिकार है. जिसके मद्देनजर सरकार द्वारा निपुण महाराष्ट्र अभियान, आदर्श शाला, सीएम श्री शाला, मुख्यमंत्री मेरी शाला सुंदर शाला अभियान जैसे विविध उपक्रम तथा विद्यार्थियों के लाभ वाली योजनाओं पर अमल किया जाता है. ऐसे में राज्य की प्रत्येक शाला को आदर्श शाला बनाने हेतु वहां निजी शालाओं की तरह भौतिक व शैक्षणिक साधन सामग्री की आपूर्ति कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण व दर्जेदार शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ऐसे निर्देश शालेय शिक्षा राज्यमंत्री पंकज भोयर द्वारा संबंधित नोडल एंजेसियों के नाम जारी किये गये.
आज अमरावती दौरे पर पहुंचे शालेय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने मनपा के सभागार में बुलाई गई बैठक के दौरान अमरावती विभाग में शिक्षा विभाग की ओर से किये जा रहे कामकाज का जायजा लिया. इस बैठक में मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे व शिक्षा उपसंचालक निलिमा टाके सहित पांचों जिलों के प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षाधिकारी एवं डायट के प्राचार्य उपस्थित थे. इस समय शालेय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने कहा कि, सीएम देवेंद्र फडणवीस की संकल्पना के तहत चलाये जा रहे 100 दिवसीय कृति प्रारुप अंतर्गत सात सूत्रीय कार्यक्रम पर अमरावती विभाग ने प्रभावी रुप से अमल किया जाना चाहिए. कार्यालय की सेवा व सुविधा, निवेश प्रसार व क्षेत्रीय कार्यालयों को भेंट इस सात सूत्रीय कार्यक्रम के तहत तय किये गये कामों का जायजा भी राज्यमंत्री डॉ. भोयर द्वारा लिया गया.
इस बैठक के दौरान शालेय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने कहा कि, प्रत्येक तहसील में कम से कम दो आदर्श शालाओं की निर्मिति हेतु सभी ने जिम्मेदारीपूर्वक प्रयास करने चाहिए. साथ ही संबंधित जिलों के पालकमंत्री व विधायकों से शाला दत्तक लेने की मांग करते हुए पालकमंत्री आदर्श शाला व विधायक आदर्श शाला की निर्मिति हेतु सहायता करने का निवेदन करना चाहिए. इसके अलावा विद्यार्थी आनंददायी वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सके. इस हेतु प्रत्येक शाला की इमारत का गुणवत्तापूर्वक निर्माण करने के साथ ही वहां पर पीेने हेतु शुद्ध पेयजल तथा छात्र-छात्राओं हेतु स्वतंत्र स्वच्छता गृह जैसी प्राथमिक सुविधाओं का इंतजाम भी किया जाना चाहिए.
इस समय शालेय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने बताया कि, अमरावती संभाग में 72 आदर्श शालाओं हेतु 60 करोड रुपए की निधि का प्रावधान किया गया है. जिसके नियोजन प्रारुप अनुसार सभी शालाओं के निर्माण को पूरा किया जाना चाहिए और प्रत्येक शाला में भौतिक सुविधा व शैक्षणिक साधन सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए. शालाओं में डिजीटल क्लास रुम, मूलभूत सुविधाएं, ग्रंथालय, खेल के मैदान, शुद्ध पेयजल व स्वच्छता गृह आदि प्राथमिक सुविधाएं निर्माण की जानी चाहिए. साथ ही आदर्श शालाओं की निर्मिति हेतु समन्वय व देखभाल की जिम्मेदारी डायट के प्राचार्यों ने उठानी चाहिए. इसके अलावा विद्यार्थियों द्वारा आनंददायी वातावरण में ज्ञानार्जन किया जा सके. इस हेतु विद्यार्थी हित की दृष्टि से नाविण्यपूर्ण उपक्रम चलाये जाये, इसके लिए जिला वार्षिक योजना से निधि का प्रावधान उपलब्ध कराया जाएगा. ऐसा भी राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर द्वारा कहा गया.
इस बैठक के दौरान राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर को संभाग के सभी जिलों के शिक्षाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में निपुण महाराष्ट्र अभियान, आदर्श शाला, सीएम श्री शाला, मुख्यमंत्री मेरी शाला सुंदर शाला अभियान जैसे विविध उपक्रम तथा विद्यार्थियों के लाभ वाली योजनाओं को लेकर किये जा रहे कामों के बारे में विस्तार के साथ जानकारी दी. साथ ही अमरावती मनपा प्रशासन के अख्तियार में रहने वाले शालाओं एवं वहां उपलब्ध शैक्षणिक सुविधाओं के संदर्भ में मनपा आयुक्त व प्रशासक सचिन कलंत्रे ने राज्यमंत्री डॉ. भोयर को विस्तृत जानकारी दी. इस समय मनपा की शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पद्धति के चलते विद्यार्थियों की संख्या 6 हजार 500 से बढकर 9 हजार 500 हो जाने के चलते राज्यमंत्री डॉ. भोयर के हाथों मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे का सत्कार भी किया गया.