अमरावती

विवाह की पंगत पर भी महंगायी का साया

अमरावती/दि.24– इन दिनों किसी भी कार्यप्रसंग अथवा कार्यक्रम में पारंपारिक पंगत की बजाय बुफे की आधुनिक पध्दति से भोजन परोसने का चलन व फैशन बढ गया है. जिसमें थाली के हिसाब से दरें तय की जाती है. दिनोंदिन बढती महंगाई के चलते अब भोजन की थाली की दरों में भी काफी बडे पैमाने पर वृध्दि हो गई है. जिसके चलते अब विवाह के लिए बुफे पध्दति के भोजन करवाना काफी महंगा हो गया है.

* 20 फीसद से बढे दर
तेल, चावल, शक्कर, गेहूं व साग-सब्जी की दरों में अच्छा-खासा इजाफा होने के चलते हर थाली के पीछे करीब 20 फीसद की दरें बढ गई है और अब पहले की तुलना में करीब सवागुना अधिक खर्च हो रहा है.

* इस वजह से बढी दरें
कैटरिंग व्यवसाय के लिए आवश्यक रहनेवाले किराणा व अनाज, माल ढुलाई व मजूरी का खर्च बढ गया है. जिसकी वजह से अब भोजन तैयार करने की लागत बढ गई है. इसका असर सीधे-सीधे भोजन की कीमत बढने के तौर पर देखा जा रहा है और अब पहले की तुलना में भोजन महंगा हो गया है.

* 150 रूपये से 700 रूपये तक थाली
कैटरिंग व्यवसायियों द्वारा अपने ग्राहकों की मांग के अनुसार भोजन पदार्थ उपलब्ध कराये जाते है और इन पदार्थों के आधार पर थाली की कीमत तय की जाती है. इसके तहत 150 रूपये से 700 रूपये की कीमत तक भोजन की थालियां उपलब्ध है.

* कोविड व महंगाई का दोहरा संकट
विगत दो वर्षों के दौरान कोविड संक्रमण के चलते शादी-ब्याह के कोई भव्य-दिव्य आयोजन नहीं हुए. जिसकी वजह से कैटरिंग व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प रहा. वहीं अब कोविड संक्रमण का दौर बीत जाने के बाद धीरे-धीरे कामकाज पहले की तरह पटरी पर लौट रहा है. लेकिन अब यह व्यवसाय महंगाई की समस्या का सामना कर रहा है.

* क्या कहते हैं कैटरिंग व्यवसायी?
विगत दो वर्ष के दौरान काफी कर्ज हो गया है. हम लोगों को उनकी मांग के अनुसार सेवा उपलब्ध कराते है. चूंकि इस समय अनाज, किराणा व साग-सब्जियां महंगे हो गये है. अत: भोजन की थालियों के दर भी बढ गये है.
– अनूप अजमेरा (कैटरर्स संचालक)

महंगाई की वजह से भोजन की थालियों के भी दर बढे है. लोगों की मांग के अनुसार थाली में विभिन्न व्यंजनों का समावेश किया जाता है. उसके अनुसार ही थालियों के अलग-अलग दाम तय किये जाते है. चूंकि सभी वस्तुओं की दरें बढ गई है और मजूरी भी बढ गई है. जिसका असर थाली के दामों पर पडा है.
– पवन आसोपा (कैटरर्स संचालक)

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